Book Title: Jain Muni Ke Vrataropan Ki Traikalik Upayogita Navyayug ke Sandarbh Me
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 340
________________ 278... जैन मुनि के व्रतारोपण की त्रैकालिक उपयोगिता नव्य युग के ...... लेखक/संपादक वर्ष संपा. पं. बेचरदास जी श्री महावीर जैन विद्यालय, 1974 बम्बई क्र. ग्रन्थ का नाम 114. भगवती सूत्र 115. भगवती आराधना 116. भिक्षु आगम विषय कोश संपा. आ. महाप्रज्ञ (भा. 1) |ले. अपराजित सूरि 117. मज्झिमनिकाय - कीटागिरि सुत्तं 118. महाभारत (खं. 6) 119. महापुराण (भा. 2 ) 120. मार्कण्डेय पुराण 121. मूलाचार ( भा. 1-2 ) प्रकाशक बलात्कार जैन पब्लिकेशन 1935 | सोसायटी, कारंजा जैन विश्वभारतीय, लाडनूं 1996 अनु. पं. रामनारायणदत्त गीता प्रेस, गोरखपुर अनु. पं.जिनदासशास्त्री शांतिसागर दि. जैन जिनवाणी जीर्णोद्धार संस्था, फलटण | टीका ज्ञानमती माताजी भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली वि.सं. 2046 1982 वि.सं. 1992

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