Book Title: Jain Muni Ke Vrataropan Ki Traikalik Upayogita Navyayug ke Sandarbh Me
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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276... जैन मुनि के व्रतारोपण की त्रैकालिक उपयोगिता
क्र.
ग्रन्थ का नाम
91. धम्मपद
92. नन्दीसूत्र
97. पुरुषार्थसिद्धयुपाय
98. प्रव्रज्यायोगादिविधि संग्रह
99. प्रज्ञापनासूत्र
93. नन्दीसूत्र (हारिभद्रीय टीका)
94. निशीथभाष्य (भा. 1-4) संपा. अमर मुनि
95. निशीथचूर्णि
संपा. अमर मुनि
96. पाइयसद्दमहण्णवो
पं. हरगोविन्ददास
100. प्रवचन सारोद्धार (भा. 1-2)
लेखक/संपादक
101. प्रवचन सारोद्धार (भा. 1-2)
102. प्राचीन सामाचारी
संपा. मधुकरमुनि
अनु. राहुल सांकृत्यायन भिक्षु प्रज्ञानन्द बुद्ध विहार, 1957
लखनऊ
संपा. मुनि पुण्यविजय प्राकृत ग्रन्थ परिषद्, वाराणसी
अनु. गंभीरचन्द
संपा. मधुकर
नेमिचन्द्र सूरि रचित
प्रकाशक
अनु. हेमप्रभा श्री
पूर्वाचार्य संकलित
आगम प्रकाशन समिति,
ब्यावर
| दुलीचन्द जैन ग्रन्थमाला सोनगढ़
आगम प्रकाशन समिति,
ब्यावर
वर्ष
सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा
सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा 1982
मोतीलाल बनारसीदास,
| दिल्ली
जीवनचन्द्र साकरचन्द | जवेरी, बम्बई
प्राकृत भारती अकादमी,
जयपुर
1991
1966
1982
1986
वि.सं.
2029
1993
1926
2000
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