Book Title: Jain Hiteshi 1916 Ank 09 10
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 71
________________ बाल-विवाह है, उनमें से बहुतों ने ठीक समय पर सन्तान प्रसव किया है और दोनों जीते जागते रहे हैं। "9 डाक्टर चक्रवर्ती लिखते हैं कि “ मैं एक लड़कीको बाल्यावस्थाहीसे भलीभाँति जानता हूँ जिसे दस वर्षकी उमर में लड़का पैदा हुआ । डाक्टर राबर्टन कहते हैं कि “एक कारखाने में काम करनेवाली लड़की ११ वर्षकी आयु में गर्भवती पाई गई । " डाक्टर बेली लिखते हैं कि “ कलकत्ते के एक रईस - की ११ वर्ष ५ महीनेकी लड़कीको लड़का पैदा हुआ । " कई अन्य सभ्य रईसोंसे डाक्टर साहबने उसकी सच्ची अवस्था दर्यात की और सभीने उसकी आयु ११ वर्ष ९ महीने बताई । डाक्टर ग्रीन कहते हैं कि “ ढाकेमें मैंने एक लड़कीको १२ वर्षकी आयु में गर्भवती पाया; पर लड़का पैदा होते वक्त बेचारी लड़की मर गई । डाक्टर कन्हैयालाल दें कहते हैं कि “ बङ्गालमें आम तौरपर बारह वर्षकी लड़कियाँ गर्भवती पाई जाती हैं 99 99 1 * इस प्रकार एक दो नहीं, आजकल सैकड़ों हजारों बाल-मातायें भारतमें मौजूद हैं। अब देखना यह है कि भारतके उष्ण देश होनेसे—यहाँकी जलवायुकी विलक्षणतासे-यहाँ कुमारियाँ जल्द ऋतुमती होती हैं, या इसके कुछ और कारण हैं और अन्य देशों में प्रकृतिका क्या नियम है । Medical Jurisprudece for India by R. Chevers, page 673. Jain Education International जगत्प्रसिद्ध डाक्टर हालिक लिखते हैं “जाँच करने पर यही मालूम हुआ है कि संसाकी सब जातियों में कन्यायें लगभग एक ही उमरमें रजस्वला होती हैं । यदि आफ्रिका जैसे गर्म देशकी हबशी लड़की और यूरोप जैसे ठण्डे देशकी गोरी लड़की एक ही ढँगसे परवरिश पावें तो दोनों एक हीं साथ ऋतुमती होंगी । 27 + ४८९ यद्यपि इंग्लैण्डके मुकाबले भारतमें लड़कियाँ जल्द सयानी हो जाती हैं, पर यह सन्देहकी बात है कि भिन्न भिन्न देशों में भिन्न भिन्न समय पर लड़कियाँ सयानी हों | † 66 मिस्टर राबर्ट्स ने खूब जाँचकर निश्चय किया है कि भूमण्डल के सब देशोंमें लड़कियाँ लगभग एक ही आयुमें रजस्वला होती हैं । वे बतलाते हैं कि भारत में प्राकृतिक नियमानुसार बालिकायें रजस्वला नहीं होतीं, वे कुरीतियों और बुरे व्यवहारोंसे, जबर्दस्ती सयानी बना दी जाती हैं । वे लिखते हैं कि “ भारतकी राजनैतिक तथा सामाजिक दशा ऐसी बिगड़ी है, यहाँका कानून, यहाँके रीतिरिवाज ऐसी बुरी अवस्थामें हैं, भारतमें स्त्रियाँ ऐसी मूर्खा बना दी गई हैं, वे ऐसी सख्त गुलामीमें जकड़ी हुई हैं, यहाँकी विवाह सम्बन्धवाली धार्मिक पुस्तकें ऐसा बुरा उपदेश देती हैं कि भारतकी कन्यायें प्रकृतिनियमके विरुद्ध जल्द सयानी हो जाती हैं । + The origin of Life page 363. + Annuals of Medical Seince. For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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