Book Title: Jain Dharm ki Udarta
Author(s): Parmeshthidas Jain
Publisher: Johrimal Jain Saraf

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Page 7
________________ [३] । शास्त्रीय प्रमाणों द्वारा यह सिद्ध किया है कि जैन धर्म पापियों, पतितों और सभी प्राणियों का उद्धार करने वाला है। हमने इस पुस्तक को कई बार पढ़ा। हमारी समझ में तो लेखक भाई ने जैन धर्मी होते हुये इस "जैनधर्म की उदारता" पुस्तक को लिखकर अपनी मानसिक उदारता का परिचय दिया है अन्यथा अन्य जैन विद्वानों के संकुचित और कलुपित विचारों ने ऐसे प्रभावशाली विषय पर आज तक भी लेखनी नहीं उठाई । हम आशा करते हैं कि जहां यह पुस्तक अजेनों को जैन धर्म की उदारता बताकर यह भी दिखलायगी कि प्रत्येक मनुष्य जैनधर्म की शरण आसक्ता है वहां जैन धर्म के उन अन्ध श्रद्धालुओं को जो कि जैन धर्म को अपनी घरेलू सम्पत्ति समझे बैठे हैं, उदारताका पाठ भी पढ़ायगी। ___ हम लेखक भाई से सानुरोध निवेदन करते हैं कि आपकी उदारता इस एक छोटीसी पुस्तिका के लिख देने से ही समाप्त नहीं हो जानी चाहिये । बल्कि इस विपयपर तो आपको लिखते ही रहने की आवश्यकता है । इसके लिये जितना भी परिश्रम आप करें वह थोड़ा है। जब तक हमारे जैन बंधु जैनधर्म की उदारता को भले प्रकार न समझ जाय तबतक लेखनी को विश्राम देना उचित नहीं है। हमारो हार्दिक भानना है कि आपका किया हुआ परिश्रम सफल हो ओर जैनधर्म की उदारता से सभी मनुष्य लाभ उठाये। ज्योतिप्रसाद जैन, भू० संपादक जैन प्रदीन 'प्रेमभवन'- देवन्द ।

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