Book Title: Jain Dharm ka Prachin Itihas Part 02 Author(s): Parmanand Jain Publisher: Rameshchandra Jain Motarwale Delhi View full book textPage 9
________________ समर्पण जिनके सौजन्य और प्रेरणा से मैं इस ग्रन्थ की रचना में प्रवृत्त हुआ, जिनको जिन साहित्य के सृजन और प्रकाशन का साहित्यानुराग है, जो जैन संस्कृति के प्रचार प्रसार में बराबर अपना योगदान प्रदान करते रहते हैं, उन प्रमुख आचार्य अध्यात्म योगी श्री देशभूषण जी महाराज की साधना से प्रेरित होकर मैं यह ग्रन्थ उन्हें सादर समर्पित करता हूँ। -परमानन्द जैन शास्त्रीPage Navigation
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