Book Title: Jain Dharm aur Vividh Vivah Author(s): Savyasachi Publisher: Jain Bal Vidhva Sahayak Sabha View full book textPage 2
________________ * धन्यवाद * • इस ट्रक के छपवाने के लिये निम्न लिखित महानुभावों ने सहायता प्रदान की है, जिनको सभा हार्दिक धन्यवाद देती है। साथ ही समाज के अन्य स्त्री पुरुषों से निवेदन करती है कि वे भी निम्न श्रीमानों का अनुकरण करके और अपनी दुखित बहिनों पर तरस खाकर इसी प्रकार सहायता प्रदान करने की उदारता दिखलावे: १०) लाला दौलतराम जैन, कटरा गौरीशंकर देहली। १०) लाला केसरीमल श्रीराम चावल वाले देहली। १०) लाला शिखरचन्द्र जैन । ५) लाला कश्मीरीलाल पटवारी बदर्खावाले डाकखाना छपरोली। १०) मुसद्दीलाल लेखराज कसेरे मेरठ छावनी । १०) गुप्तदान ( एक जौहरी)। १०) गुप्तदान ( एक बाबू साहिब)। १०) गुप्तदान (एक जौहरी)। १०) गुप्तदान ( एक ठेकेदार )। ५) गुप्तदान (एक सराफ़ )। १०) गुप्तदान ( एक गोटेवाले)। १०) ला० झन्नूलाल शिवसिंहराय जैनी, शादरा देहली ११० ) कुल जोड़ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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