Book Title: Indriya Gyan
Author(s): Sandhyaben, Nilamben
Publisher: Digambar Jain Mumukshu Mandal

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Page 13
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates इन्द्रियज्ञान... ज्ञान नहीं है अर्पण हे अध्यात्म युग प्रवर्तक पू. गुरुदेव श्री आप श्री ने 'इन्द्रियज्ञान ही मोह का कारण है और इन्द्रियज्ञान जीतने से मोह जीता जाता है' – ऐसे सूक्ष्म गूढ़ , रहस्यमय मोक्षमार्ग की अनेक पहलुओं से सर्वांगीण स्पष्टता की है, और इन्द्रियज्ञान ज्ञान है - ऐसी भ्रांति छुड़ाकर, सम्यज्ञान के स्वरूप की समझ कराके हम पामरों के ऊपर अनन्त उपकार किया है। हे पू. गुरुदेव श्री! इस अतिगूढ़ की विशेष दृढ़ता के लिए अनेक पूवाचार्यो के ग्रंथों में से आधार लेकर संकलन की हुई यह पुस्तक आप श्री के हस्तकमल में सादर सविनय अर्पण कर रहे हैं । Please inform us of any errors on rajesh@ AtmaDharma.com

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