Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 4
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 256
________________ २४५ ७९. ५२. मो०८०दे०-जै०गु०क० भाग-६, पृ० २९१-२९३ न०सं०. ५३. वही, भाग-३, पृ०-७९ प्र०सं० और जै०गु०क० भाग-६, पृ० २९१-९६ न०सं०. ५४. वही, भाग-३, पृ०१६५-१७३ प्र०सं० और जै०गु०क० भाग-६, पृ० १३४-१४० न०सं०. ५५. ऐ००गु० काव्य संग्रह. ५६. सं०अ०च० नाहटा-राजस्थान का जैन साहित्य पृ०-१८७. ५७. मो०द०दे०-जै०गु०क० भाग-३, पृ०-३२२ और १५५० प्र०सं० और भाग ६, पृ०- ३१६ न०सं०. ५८. कामता प्रसाद जैन-हिन्दी जैन साहित्य का संक्षिप्त इतिहास पृ० २१३-२१५. ५९. मो०द० दे०-जै०गु०क० भाग-३, पृ०-१०१-१०२ प्र०सं०. ६०. कामता प्र० जैन-हि००सा०सं० इतिहास पृ०-२१६-२१७. ६१. अ०च० नाहटा-राजस्थान का जैन साहित्य पृ०-२८१. ६२. मो०८०दे०-जैगु०क० भाग-३, पृ०-३२९ प्र०सं०. ६३. वही, भाग-३, पृ०-१४-१५ प्र०सं०. ६४. वही, भाग-३, पृ०-१२५-१२७ और भाग-६, पृ०-१२०-१२१ न०सं०. ६५. वही, भाग-३, पृ०-३३७, प्र०सं० और भाग-६, पृ०-३१६-१७ न०सं०. ६६. वही, भाग-३, पृ०-१५४१-४३ प्र०सं० और भाग-६, पृ०-१७२-१७३ न०सं०. ६७. वही, भाग-३, पृ०-१५१-१५२ प्र०सं० और भाग-६, पृ०-१४५ न०सं०. ६८. वही, भाग-३, पृ०-२१९७-९८ प्र०सं० और भाग-६, पृ०-५६९ न०सं०. ६९. वही, भाग-३, पृ०-२८५ प्र०सं०. ७०. वही, भाग-३, पृ०-३१३ प्र०सं० और भाग-६, पृ०-३०९ न०सं०. ७१.अ वही, भाग-३, पृ०-३११-३१२ तथा १६७३ प्र०सं० और भाग-६ पृ० ३०७-०८ न०सं०. ७१.ब वही, भाग-३, पृ०-३११-३१२ तथा १६७३ प्र०सं० और भाग-६ पृ० ३०७-०८ न०सं०. ७२. डॉ० शितिकंठ मिश्र-हिन्दी जैन साहित्य का वृहत् इतिहास खण्ड-३ पृ०-९४ और मो०द०दे०-जै०गु०क० भाग-३, पृ०-३२२, भाग-५ पृ०-१९४ तथा भाग-६, पृ०-७२ न०सं०. ७३. अगरचंद नाहटा-राजस्थान के जैन शास्त्र भंडारों की ग्रंथ सूची भाग ४ पृ०-१५४ और राजस्थान का जैन साहित्य पृ०-२५५. ७४. कामता प्रसाद जैन-हिन्दी जै० सा० का० सं० इतिहास पृ०-२०२. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326