Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 4
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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३०२
२२९
८५
१३०
४५
९८
५५
ग्रन्थ अनुक्रमणिका नाम पृष्ठ संख्या नाम
पृष्ठ संख्या जिनकुशल सूरि (दादाजी)
,, ऐ० गुर्जर काव्य संचय १६८ अष्टप्रकारी पूजा
१०२ ,, ,, काव्य संग्रह
२२६ जिनकुशल सूरि निशानी ४५ जैन गुर्जर साहित्य रत्नो जिन गुण स्तवनावली
,, ,, ,, रत्न सत्यविजय ग्रंथमाला २१८ जैन चैत्य स्तव
७३ जिनगुण विलास
जैन भास्कर स्तवनावली
१५७ जिन त्रिंशत वाणी गुण
जैन सार बावनी
१७६ नामार्थ गर्भित स्तव
२१६ जैन स्वाध्याय मंगल माला १७० जिनदत्त चरित्र
१४९ जैन संञ्झाय माला १५७,४१ जिनदत्त सूरि चरित्र
१०२ जैन संञ्झाय माला १५७,४१ जिनपालित जिनरक्षित रास
जैन विविध ढाल संग्रह
१८८ जिन प्रतिमा स्थापन ग्रंथ १०३ जैमलजी का गुण वर्णन २६३ ,, ,, ,, विधि । __ जोबन पचीसी
१८९ जित बिंब स्थापना अथवा पूजा स्तव ८६ जैसलमेर गजल जिनमत धारक व्यवस्था वर्णन स्तव १०१ ज्ञानदर्शन चरित्र संवाद रूप वीर स्तव२०६ ,, ,, ,, ,, बाला० १०३ जिनरिख जिनपाल चरित्र ७८ ज्ञानपंचमी
२०८ जिनलाम सूरि पट्टधर जिनचंद्र
,, कथा बाला०
२७८ सूरि गीत
७५ ,, मौन ग्यारस होली व्याख्यान ३३ जिनलाभ सूरि गीतानि २०४,१२० ,, संञ्झाय
२०८ ,, ,, दवावैत २१० ,, स्तव
१७३ जिनविजय निर्वाण रास ३८ ,, स्वाध्याय
१६५ जिनस्तुति
१७८ ज्ञानपचीसी जिनेन्द्र काव्य संदोह भाग १-१७९ ज्ञानप्रकाश
१३० जिनेन्द्र भक्ति प्रकाश
१४२ ज्ञान प्रदीपिका जीवंधर चरित १२७,१३० ज्ञान प्रभाकर
४४ जीवविचार बाला० २७८ ज्ञानविलास
१०५ ,, टव्वो। २७८ ज्ञान सत्तावनी
४४ ,, भाषा दोहा।
१२७ ज्ञानार्णव ,, वृत्ति । ६४ ,, हिन्दी टीका
९८ ,, स्तवन भाषा ३४,३५ ज्ञान सूर्योदय नाटक
२२३ जुगमंदिर स्वामी की संञ्झाय २२५ ,, ,, ,, की वचनिका १४३ जूठा तपसीनो सलोको २०३ डीसा की गजल
१२३,१२४ जैन ऐ० रासमाला १४०,१९५ ढंढक चौढालिया
४५
१८८
४४
८०
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