Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 4
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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२९१
नाम
९०
छत्रपति शिवाजी जगत्कीर्ति जेगजीवन
,, (गणि)
७८
१४४
१४३
जगन्नाथ जगरूप जड़ावजी जयकर्ण जयचंद्र ,, छाबड़ा जयंत कोठारी जयमल्ल जयरंग जयराम जयसागर (सवाई) जयसिंह जयाचार्य जयानंद सूरि जशवंतसागर जसराज जिनकीर्ति सूरि जिनचंद सूरि जिनतिलक सूरि जिनदास गंगवाल जिनदास गोधा जिनलाभ सूरि जिनविजय (मुनि) ,,
हिन्दी जैन साहित्य का बृहद् इतिहास पृष्ठ संख्या नाम
पृष्ठ संख्या ४ जिनोदय सूरि १९९ जीतमल-। १७३ ,, -॥
(संत) जीवा ७९ जीवाजी ७८ (ऋषि) जेमल ७९ जैकोबी
२८३ ८० जैनचंद
९४ २७८ जोइन्दु
२८३ ४८, ८० जोगीदास
९४, १०७ ७८ जोधराज ८२ ,, कासलीवाल ८३ जोरावर मल ६७ ज्योतिबा फुले ८४ ज्ञान उद्योत (उद्योतसागर) ८ ज्ञानचंद-।
,, -|| २०३ ज्ञानसागर ९६, ९८, १०४, ४६ ५१ ज्ञानसागर शिष्य
१०४ १५५ ज्ञानानंद
१०५, २७८ ८५ झूमकलाल
१०५ (कर्नल). टाड
९८ टीपू.
५, ६, १३ ८६ टेकचंद
१०६ ८६ टोडरमल ८१, १०७, २३४ ८६, १२०, ५२ डलहौजी
१४ ३८, ७१ डालूराम २८३ डुंगरविजय
२१० ८५ डूंगा वैद
१०९ १८३ तत्त्वकुमार
११० ८८ तत्त्व हंस ५६, १८३ तिलक सूरि
२०० ८८ तिलोकचंद
११० ८९ तेजविजय
akishtist:32. २४२२६६.२ ६ ६ ६ ६ ६६
९०
१०९
,, सूरि
जिनसौभाग्य
जिनहर्ष
,, सूरि
जितेन्द्र भूषण
११०
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