Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 4
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 298
________________ संदर्भ १. २. ३. ४. ५. ६. ७. मो० द० दे० - जैगु०क० भाग - ३, पृ- १५३८ प्र०सं० और वही भाग ६ पृ० - १९८-१९९ न० सं०. मो०द० दे० - जै० गु०क० भाग - ३, पृ० - १५५६ और वही भाग - ६, पृ०३२०-३२१ न०सं०. वही भाग - ६, पृ० ४१३. मो० द० दे० - जै० गु०क० भाग-६, पृ० ४१४ न०सं०. वही भाग - ३, पृ० - २१८५ प्र०सं० और वही भाग-६, पृ०-५६५ न०सं०. मो० द० दे० - जै० गु०क० भाग - ३, पृ० - २१८६ और वही भाग - ६, पृ० ५७०. मो० द० दे० - जै० गु०क० भाग-३, पृ० २१८७ प्र०सं० वही भाग - ६, पृ० - ५७१ न० सं०. ८. भाग-३, पृ० - २१९० और भाग-६, पृ० - ५७३ न०सं०. ९. वही भाग - ३, पृ० - २१९३ प्र०सं० और भाग - ६, पृ० - ५७३ न०सं०. १०. मो० द० दे० - जै० गु०क० भाग-६, पृ० ५७५ न०सं०. ११. मो० द० दे० - जै० गु०क० भाग - ३, पृ० - २१८४-२२०१ तक और वही भाग-६, पृ०-५६४-५७९ तक न० सं०. २८७ १२ . वही भाग - ३, पृ० - २१९५ प्र०सं०, भाग-६, पृ० -५७८ न०सं०. १३. वही भाग - ३, पृ० - २१९३ प्र०सं०, भाग - ६, पृ० -५७६ न०सं०. १४. मो० द० दे० - जै० गु०क० भाग-३, पृ० २१८४, प्र०सं० और वही भाग६, पृ०-५६४ न०सं०. १५. वही भाग - ३, पृ० - २१८५ प्र०सं० और भाग-६, पृ० - ५६५ न०सं०. १६. मिश्रबन्धु - मिश्रबन्धु विनोद पृ०-५०३. १७. मो० द० दे० - जै० गु०क० भाग-३, पृ०-२१४४ / ४५ प्र०सं० और भाग६, पृ० - ५६६ न० सं०. १८. मो० द० दे० - जै० गु०क० भाग - ३, पृ० १०२ और वही भाग-६, पृ०५६७ न०सं०. १९. वही भाग - ६, पृ०-५६८ न०सं०. २०. मिश्रबन्धु - मिश्रबन्धु विनोद पृ०-११४८. २१. मो० द० दे० - जै० गु०क० भाग - ३, पृ० - २१९९-२२०० प्र०सं० और भाग - ६, पृ०-५६८ न०सं०. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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