Book Title: Gommatasara Jiva kanda Part 2
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 18
________________ गो० जीवकाण्डे बीस प्ररूपणा १०६८ १०६४ १ सयागकवला संज्ञी सासादन पर्याप्तक , अपर्याप्तक " मिश्र ,, असंयत स० , पर्याप्तक " , अपर्याप्तक असंज्ञी पर्याप्तक ,, अपर्याप्तक आहारी पर्याप्तक अपर्याप्तक मिथ्यादृष्टि , पर्याप्तक ,, अपर्याप्तक सासादन , पर्याप्तक , अपर्याप्तक मिश्र असंयत , पर्याप्तक ,, अपर्याप्तक देशसंयत बीस प्ररूपणा १०६३ आहारी प्रमत्त बप्रमत्त अपूर्वकरण १०६४ ॥ अनिवृत्ति सूक्ष्मसाम्पराय उपशान्तकषाय क्षीणकषाय सयोगकेवली १०६५ अनाहारी मिथ्यादृष्टि सासादन असंयत प्रमत्त सयोगकेवली अयोगकेवली , , सिद्धपरमेष्ठी द्वितीयोपशम सम्यक्त्व सिद्धपरमेष्ठीके प्ररूपणाएं ग्रन्थसमाप्ति गाथानुक्रमणी टोकागतपद्यानुक्रमणी १०६८ विशिष्ट शब्द सूची . . . १०७१ १०७३ १०७५ १०७७ १०८८ १०९२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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