Book Title: Gommatasara Jiva kanda Part 2 Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri Publisher: Bharatiya GyanpithPage 16
________________ सासादन .. पका गो० जीवकाण्डे कुमति कुश्रुतज्ञानी मिथ्यादष्टि पर्याप्तक अवधिदर्शनी बीस प्ररूपणा १०३९ बोस प्ररूपणा १०२९ , पर्याप्तक , , , अपर्याप्तक , १०३० , अपर्याप्तक सासादन कृष्णलेश्या , , , पर्याप्तक पर्याप्तक , अपर्याप्तक अपर्याप्तक विभंगज्ञानी मिथ्यादृष्टि मिथ्यादृष्टि ., पर्याप्तक सासादन , अपर्याप्तक मतिश्रुतज्ञानी पर्याप्तक पर्याप्तक अपर्याप्तक , अपर्याप्तक असंयत " मिश्र मतिश्रुतज्ञानी असंयत अपर्याप्तक असंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्तक , पर्याप्तक मनःपर्ययज्ञानी १०३३ , अपर्याप्तक केवलज्ञानी कापोतलेश्या संयमानुवाद पर्याप्तक " प्रमत्त संयत अपर्याप्तक " अप्रमत्त सं. मिथ्यादृष्टि सामायिक संयम , पर्याप्तक परिहारविशुद्धि , अपर्याप्तक यथाख्यात संयम सासादन असंयम , पर्याप्तक पर्याप्तक , अपर्याप्तक अपर्याप्तक सम्यग्मिथ्यादृष्टि चक्षुदर्शनी असंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्तक , पर्याप्तक अपर्याप्तक ., अपर्याप्तक मिथ्यादृष्टि तेजोलेश्या , पर्याप्तक पर्याप्तक , अपर्याप्तक अपर्याप्तक अचक्षुदर्शनी मिथ्यादृष्टि पर्याप्तक , पर्याप्तक अपर्याप्तक , अपर्याप्तक मिथ्यादृष्टि सासादन ,, पर्याप्तक , पर्याप्तक " अपर्याप्तक सासादन अपर्याप्त १०३४ " my १०३७ १ ३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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