Book Title: Gommatasara Jiva kanda Part 2 Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri Publisher: Bharatiya GyanpithPage 17
________________ विषय-सूची " अभव्य तेजोलेश्या सम्यग्मिथ्या. बीस प्ररूपणा १०४७ शुक्ललेश्या अप्रमत्तसंयत बीस प्ररूपणा १०५५ असंयत , पर्याप्तक पर्याप्तक " अपर्याप्तक १०४८ सम्यग्दृष्टि अपर्याप्तक देशविरत पर्याप्तक प्रमत्त अपर्याप्तक अप्रमत्त क्षायिक सम्यग्दृष्टि पद्मलेश्या १०४९ पर्याप्तक पर्याप्तक अपर्याप्तक अपर्याप्तक असंयत मिथ्यादृष्टि पर्याप्त असंयत , पर्याप्तक अपर्याप्त असंयत , अपर्याप्तक देशविरत सासादन वेदक सम्यग्दृष्टि , पर्याप्त पर्याप्तक , अपर्याप्त अपर्याप्तक सम्यग्मिथ्यादृष्टि असंयत असंयत सम्य. " पर्याप्तक ,, पर्याप्तक " अपर्याप्तक , अपर्याप्तक देशविरत देशविरत प्रमत्तसंयत प्रमत्तसंयत अप्रमत्तसंयत .. अप्रमत्तसंयत उपशम सम्यग्दृष्टि शुक्ललेश्या पर्याप्तक पर्याप्तक अपर्याप्तक अपर्याप्तक असंयत मिथ्यादृष्टि , पर्याप्तक " पर्याप्तक १०५३ ,, अपर्याप्तक " अपर्याप्तक देशविरत सासादन प्रमत्त " पर्याप्तक अप्रमत्त " अपर्याप्तक संज्ञी सभ्यग्मिथ्यादृष्टि संज्ञी पर्याप्तक असंयत सम्य. संज्ञो अपर्याप्तक " पर्याप्तक संज्ञो मिथ्यादृष्टि " अपर्याप्तक , , पर्याप्तक देशविरत ___ , , अपर्याप्तक प्रमत्त संयत १०५५ , सासादन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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