Book Title: Epigraphia Indica Vol 08
Author(s): E Hultzsch
Publisher: Archaeological Survey of India

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Page 288
________________ No. 25.] जय भारो विहु वुव्भद्र ता वुभइ एत्थ कुम्मभारसमो । एलजपण बूढो जेण मया वोषनिरवेो ॥७४॥ TWO PRAKRIT POEMS AT DHAR. कज्जेण एत्थ उचरिं जो जायद सो हु तत्य धुअ सच्चं । परिधि विहे जी यवसाय पशुको १०५ तं कुम्म एत्य जायो तर जिन्तं [30] सि एत्य र धनी । रे वोषधुरिण पंधी जम न केणावि उडुरिओ ॥७६॥ न हु एत्थ बंभाषी पसविचाची वि मयलायो बि एस अमहिलाओ । विहित्राओ कच्छवेणं अनं भण्डिं न सम्झाइ ॥७७॥ अत्रे वहति भारं विणा न वीएण ते हु कइआ वि । एकलजुपण भारं एको कुम्मो चिम वहे ॥७८॥ दट्ठूण कुम्म [31] रूअं जम्मो उव्विस अत्तणो वि इहं । दहूण ववसिआई तस्म पुणे अहिअमुव्विसइ ॥७८॥ जम्भविणासाण कए जो जम्मो सो हु कम्म जम्मफलो पुण जन्मो जाचो पक्षw कुम् ॥८०॥ बोएच दिया पूढं जं बूढं तं खु एस्य सचिमयं । अन्नमुहं मुडं दहूणं जं मतं खु जाउ द्रहे ॥८१॥ वुभ [32] पंकमितं [] बुच न चयंति पर्व दाई म जह धरविधरणमि हिमयं जाणं जायं खु तेहिं समयं पि । उब्बूढो भुषणभरी पेच्य एजेण कुम्मेण ॥८२॥ मो वि दरिसिए इधरा मग्गे कमठनिम्नविधं ॥ ८२॥ कमडिपि तं सि पसूमा जीए जाएग सयलमहिलाओ । होतेहिवि पसविंझाची [33]ण विहिषाषी ॥८४॥ 1 1 249 ७४. Read बुम, Gr. 5541. For एकल see note on 4. 17. Read बोष Instead of the second बुझइ one wonld expect बुझउ; compare A. 32. oy., Gr. § 107. 77, Gr. § 196. 9. Read for and a. The second verse means: "whose shoulder has not been freed from the burden by a second one able to bear a burden." 99. Read everywhere instead of, which is against the metre; compare Gr. § 85, 376. see note on A. 17. ७८. Read बीएण. For एकल e. The meaning off is not certain. It seems to mean 'gets tedious. I have not found the word else where: ८१. Read and वुम्भड सश्चिमय occurs again in A. 102 and B. 9; it means 'real,' 'true' Sanskrit सत्यमय टू, Gr. 354; जा रहे = यातु हुदै seems to be a proverbial saying. ८२. Read चकमिषं तं चयंति, Gr. 8, 70; He 4, 86. ८२. Read तेहि. ८४. हो° wrong for होन्तेहिं वि, Gr. $ 180. Instead of वंझाची read उ. 21

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