Book Title: Enjoy Jainism Author(s): Kalyanbodhisuri Publisher: K P Sanghvi Group View full book textPage 8
________________ 37 चतुर्मुख जल मंदिर (उपासकों का स्वर्ग) 北我我我現 FREE Jain Aducation Internationa यहाँ कदम रखते ही प्रभुवीर की अंतिम अवस्था की अनुभूति के एक अनुपम एहसास का अनुभव होता है। चार मुख से देशना देनेवाले देवाधिदेव की स्मृति जागृत होती है। RIGUEZANE लेता गौतम नाम सीझे हर काम, दुःखे लहे विसराम पाये अविचल धाम ! गुरु गौतम गणधर मंदिर (लब्धि साधकों का स्वर्ग) दुःख दारिद्र दूर करनेवाले अनंत लब्धि निधान का यह अलौकिक अवतरण है। गुरु गौतम मंदिर के साथ नव सुंदर गुरु मंदिर। कला-कारिगीरी के साथ विनय-भक्ति-समर्पणभाव का सुलभ समागम। Fo Private & Personal Use Only www.libPage Navigation
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