Book Title: Enjoy Jainism
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 50
________________ DOC श्री श्रमण भगवान महावीर आप चैत्र सुदी १३ के दिन जन्मे थे। आपकी जन्म भूमि क्षत्रिय कुण्ड नगर था। आपका जन्म राजवंशी क्षत्रिय कुल में हुआ था। आपके पिताजी का शुभ नाम सिद्धार्थ था। आपकी माताजी का शुभ नाम त्रिशलादेवी था। आप जन्म से ही बड़े पराक्रमी, तेजस्वी एवं परम ज्ञानी थे। जन्म से ही आप देव-देवेन्द्रों से पूजित थे। जन्म से ही आप बड़े वैरागी, निःस्पृह एवं गंभीर थे। आपने ३० साल की जवान वय में ही संसार त्याग किया था। आपने दीक्षा लेकर साडे बारह वर्ष तक कड़ी तपश्चर्या की थी। आप शत्रु-मित्र, मान-अपमान, लाभ-अलाभ, सुख-दुःख से समभाव वाले थे। आपका हृदय और मंत्र करुणा से भरा हुआ था। आपको केवल ज्ञान हुआ था। (केवलज्ञान-पूर्णज्ञान) आपने संसार के प्राणियों को धर्म का सच्चा स्वरूप समझाया। आपका प्रधान सिद्धान्त स्याद्वाद और अहिंसा का है। आपका निर्वाण दिवाली के दिन हुआ था। जय हो ! त्रिशला नन्दन महावीर देव की। -40 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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