Book Title: Enjoy Jainism
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 62
________________ 122 52 जगडुशाह जैसे दानवीर बनो । विजय सेठ जैसे ब्रह्मचारी बनो । धन्ना अनगार जैसे तपस्वी बनो। जीरण सेठ जैसे भाव रखो। खंधक मुनि जैसी क्षमा रखो। कुरगडु ऋषि जैसी नम्रता रखो। मासतुष मुनि जैसी सरलता रखो। पुणिया श्रावक जैसा संतोष रखो। गौतम गणधर जैसा विनय रखो। धर्म रुचि अनगार जैसी दया रखो। लक्ष्मणजी जैसे सदाचारी बनो। पेथडशाह मंत्री जैसी साधर्मिक भक्ति रखो । एकलव्य जैसे गुरुभक्त बनो । श्रवणकुमार जैसे माता-पिता के भक्त बनो । हरिश्चन्द्र जैसे सत्यवादी बनो । युधिष्ठिर जैसे न्यायी बनो । दशरथ जैसे प्रतिज्ञापालक बनो । शालिभद्र जैसे त्यागी बनो । भरत जैसे वैरागी बनो । Today 1 amb Intern ऐसे बनो.. am happy today. || असतो मा सद् गमय । I am happy today. to be it is I am SITES kandadayy Lism bETTY You Sy life make Siplere. dream I am It is n to be an it is 7017 org

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