Book Title: Enjoy Jainism
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 47
________________ सिनेमा-नाटक न देखने से सुखी होता है। होटल में न खाने से सुखी होता है। आईस्क्रीम, शरबत, बरफ आदि न खाने से सुखी होता है। नमकीन, पकोड़ी, पूरी वगैरह न खाने से सुखी होता है। चाय, बीड़ी, पान न खाने से सुखी होता है। खटमल, चींटी, मकोड़ा, जूं, मच्छर आदि को न मारने से सुखी होता है। सत्य बोलने से सुखी होता है। दान देने से सुखी होता है। शील पालने से सुखी होता है। तप करने से सुखी होता है । पवित्र विचार रखने से सुखी होता है। बिना गरम किये दूध, दहीं, छास के साथ मूंग, उड़द, तूवर की दाल, चना की दाल आदि न खाने से सुखी होता है। बीमार साधु की सेवा करने से सुखी होता है। प्रतिदिन धर्म कथा सुनने से सुखी होता है। प्रिय मधुर वाणी बोलने वाला सुखी होता है। सुखी होता है... ।। सुखं धर्मात् ।। For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.o 37

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