Book Title: Enjoy Jainism
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 44
________________ यह पुण्य से मिला है. woo000000000 NO BERRIMENT THE SOUND OF BERRIMENTUL GAUGHTER [audiblo Joy: the act of laughing JOY AUDIOLE JOY AUDIBLE LU - . उत्तम कुल में जन्म पुण्य से मिला है। उत्तम मां-बाप पुण्य से मिले हैं। मानव का देह पुण्य से मिला है। पांचो इन्द्रियां पुण्य से मिली हैं उत्तम देव पुण्य से मिले हैं। उत्तम गुरु पुण्य से मिले हैं। उत्तम धर्म पुण्य से मिला है। पवित्र बुद्धि पुण्य से मिली है। अच्छा खाना-पीना पुण्य से मिला है। रहने का घर पुण्य से मिला है। अच्छे कपड़े, गहने पुण्य से मिले हैं। अच्छे मित्र पुण्य से मिले हैं। अच्छा पड़ौसी पुण्य से मिला है। नीरोगी शरीर पुण्य से मिला है। दीर्घ आयु पुण्य से मिली है। अतः पुण्य के कार्य अधिक से अधिक करने चाहिये। || शुभानुबन्ध्यतः पुण्यं कर्त्तव्यं सर्वथा नरैः ।। in Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary om

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