Book Title: Dwatrinshada Dwatrinshika Prakran Part 8
Author(s): Yashovijay Upadhyay, Yashovijay of Jayaghoshsuri
Publisher: Andheri Jain Sangh
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(४९५) नवतत्त्वप्रकरण ५१३, ७२६, ८१०
२१५४
(४९६) नवमुक्तिवाद (४९७) नवमुक्तिवादटीका २१४९
(४९८) नागपुराण
११२९
( ४९९) नागानन्दनाटक १४८१
(५००) नागोजीभट्टवृत्ति जुओ योगसूत्र नागोजीभट्टवृत्ति (५०१) नाटकसमयसारकलश १६४९
६३३, ६३८
८७, १३०५
(५०२) नाट्यशास्त्र (५०३) नादबिन्दूपनिषद् १६५८ (५०४) नारदपञ्चरात्र (५०५) नारदपरिव्राजकोपनिषद् ३६३, ३७५, ४९९, ५०२, ५०३, ५०७, ५५१, ५५६, ५५७, ७८३, ८४४, ८६१, ८६७, ९०७, ९५१, १०८२, १११३, १२८९, १२९२, १२९७, १३०५, १३९४, १३९५, १५६०, १६७०, १६९४, १८४६, १८४९, १८५४, १८५५, १८५७, १८५८, १८६१, १८६३, १८६४, १८६८, १८८०, १८८६, १८८८, १८९२, १८९७, १९३३, १९३४, १९४४, २१४६, २१६१
( ५०६ ) नारदभक्तिसूत्र ८४३, १४६८, १५४७, १५६०, १५८१
४८९, १९३३
(५०७ ) नारदसंहिता (५०८) नारदस्मृति (५०९) नारायणपरिव्राजकोपनिषद् (५१०) नारायणपूर्वतापिनीयोपनिषद्
• परिशिष्ट- ६ •
२५२, ५४८
१०९९, ११४१, १५९६
(५११) नारायणार्थवशिरउपनिषद् (५१२) नारायणोत्तरतापिनीयोपनिषद् (५१३) नारायणोपनिषद् (५१४) नालडियार
(५१५) निघण्टु (५१६) निघण्टुरत्नाकर
(५१७) निघण्टुशेष
(५१८) निघण्टुसङ्ग्रह
( ५१९) नियमसार
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६७३ ७६३, ८२३, ८६८,
(५२८) नीतिद्विषष्टिका ९, १४५३, १४६७
(५२९) नीतिवाक्यामृत ६३३, ८५९, ८६६, ११९७, १३०९, १४२८, १८६६, १९३३ | (५३०) नीतिशतक
८६, ५५८, ५९८, ८५६, ८६१, १४४८, १४५७, १४६७, १५५७ (५३१) नीतिशास्त्र १४७७, १५१३
८५३
२१७३, १४६९
(५३२) नृसिंहपूर्वतापनीयोपनिषद् २१४, ३५५, ७३२, ९४५,
४६५
१११३, १५९६ (५३३) नृसिंहषट्चक्रोपनिषद् ११४४, १६२६
४६३, ४६४
४६३, ४६४
४६४
( ५३४) नृसिंहोत्तरतापनीयोपनिषद् ७२८, ७९९, १११२, १६२७, १७२५, २१५५, २१५६, २१६१ ७३०, ७३१, १३५८, १४७७, (५३५) नैषधीयचरित्र ४८, ९७५, १४७८, १६३० १५२६, १९३२, १९४२, २१६० (५३६) नैष्कर्म्यसिद्धिवृत्ति ५७६ (५३७) न्यायकणिका २१४७
( ५२० ) निरयावलिका
१८६६
(५२१) निरालम्बनोपनिषद् ७६४, ९११, १०८०, १३४७, (५३८) न्यायकन्दलिका ५४५, ५९३, २१०० १३८४,१४७८,१६०१, १८०३, २१२६, २१२९,२१५९ (५३९) न्यायकुमुदचन्द्र
२०१९, २०६१, २०४६,
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२२३१
१११२, १११३ ९९,१५९६, २१६१
(५२२) निरुक्तोपनिषद् ९५८
(५२३) निर्वाणोपनिषद् १२८९, १४८०
( ५२४) निशीथभाष्य १२, १९, २८-३०, ३६, ३८,
४२, ४८, ५३, ५७, ८३, ८५, १०२, ११३, १२८, १३९,१४७,१४८,१५६, १५८, १५९, १६२, १६३, १७१, १७५, १८४, १८६, २७२, ४००, ४१९, ४५५, ४९५, ५२०, ५२५, ५३२, ५३५, ५४८, ५५०, ५७९, ६२१, ६६३, ६६४, ६६९, ६७०, ६७२, ६७३, ६७६, ६७९, ८४५, ८५४, ९८९, १०७२, ११७१, ११८४, ११८९, १२०२, १२७४, १२८१, १२९१, १४०६, १६१९, १६२८, १६५५, १८५२, १८५६, १८७०, १८७२, १८७३, १९०५, १९२९, १९३३, १९४०, १९४२, १९५०, १९६६, १९७१, १९७६, १९८५, १९८६, १९९२, २१७७ (५२५) निशीथभाष्यचूर्णि ९, १२, १३, १९, २५, २८, ३०,
३३, ३८, ८६, १२८, १३८, १३९, ४०७, ४२९, ४५५, ४५६, ४६१, ४९२, ५१५, ५४५, ५४७, ५५१, ८५९, ९८४, १२२२, १४४४, १४४७, १८६६, १८७३, १८७४, १९३२, १९७६, २००२ (५२६) निशीथसूत्र ५,८६, ४५६, ४६०, ४६३, १९७७ (५२७) नीतिकल्पतरु ८६१, १२८४, १४६७, १४८१, १८७७
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