Book Title: Dhatu Sangraha
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Page 134
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. 129 मन्, (अ) आ. 1. ज्ञाने. नए, भानपुं. मन्यते धर्ममारितक: मारित धर्मने भागे. मति: (शुद्धि), मनुः, मधु (५७५२स), मन्युः (ओ५), मनः (अस् + हृय), दर्शनीयमानी (इन् + दुर्शनीय धुंभ मानना२), पंडितमन्यः ( पंडित झुमे भानना२), मेनका (मे पेश्या), 1 मतंगः, 2 मातंगः (141), मेनि: (सं४८५), मुनिः (+षि), मंतुः (152 // 5). मन्, (उ) आ. 8. अवबोधने. नg, भानपुं. मनुते परमेश्वरमास्तिक: मा સ્તિક પરમેશ્વરને માને છે. मन, (अ) आ. 10. स्तंभे. स्तंभोगर्वः गर्व ४२पो, मनिभान 42. मानयते वृषल: शूद्रग 422.1 मानः, 2 अभिमानः (ग). मभ्र, (अ) प. 1. गत्यर्थः. 4. मभ्रति जयछे. मय, (अ) आ. 1. गती. पु. मयते यछ. मयः (मेहेत्य). मर्क, (अ) प. 1. (सौ०) गतो. पुं. मर्कति 14छे मर्कट:= मकडो = ___ भा. मर्कटी = मक्कडी- माडी. मर्च, (अ) उ. 10. शब्दार्थः. 2 / 06 ४२यो. मर्चयति-ते 2106 427. मर्द, (अ) प 1. गती. . मर्बति जयछे. मर्च, (अ) प. 1. पूरणे गती च. 1 52y, 2 04. मर्वति पूरेछे. मल, (अ) आ. 1. धारणे. 5295 42. मलते फुलं बटुकः ५मोइसने धा२९५ 427. माला (हार), मलयः (भसयायस), मलम् = मळ (भेल, 19), आमलकी - भामणी. मालूरः (मीलाआ3), परिमलः (सुगंध), मालम् (मेम पयतुं वन), मालती (d). मल, (अ) आ. 1. धारणे. पा.१५ 42. मलते धा२३ 427. मल्ल: (माटुयु६ 42 // 2.), 1 मली, 2 मलिका, 3 मलकः (1 भोग अनामे इसवेल्य, 2 201j, पान पात्र). मव, (अ) प. 1. बंधने. मा. मवति चोरम् योरने मपिछ. मव्य, (अ) प. 1. बंधने. vij. मव्यति चोरं राजा 20 // यो२ने पापछे. मश, (अ) प. 1. शब्दे रोषकृते समाधी च. 1 2006 ४२वो, 2 रीस ४२वी , . शेष ४२यो, 3 विस्थिर 42j, मंत:४२११ शेवा, पान ४२पुं. मशति 24 2. मशकः (भ७२). 17 For Private And Personal Use Only

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