Book Title: Dhatu Sangraha
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंयह. 185 - षट्ट, (अ) उ. 10. हिंसानिकेतनबलदानेषु. 165, 252 29, स, __3 55 42, 4 . सट्टयति - ते होछे इ०. षण, (अ) प. 1. संभक्ती. संभक्तिर्भजनम्. सेय, मा. सनति नछे. सांतिः (म1ि), पंडः = संडो = सis (रायुं टोर). सभा. सानु (2052). षण, () उ. 8. दाने. यु. सनोति- सनुते विप्राय धनम् विप्रने 41241 पेशे. सातिः (हान), सानुः (शि५२). षद्, (ल) प. 1. विशरणगत्यवसादने. विशरणं शटनम्. अवसादोऽनुत्साहः, 1 અવયવ વિરાવા, સડવું, ગળવું, અંગભિભ થવાં, 2 જવું, 3 ઉત્સાહ ન घरयो, मे पाम. सीदति सवयव वरायछ इ०. निषादः (वनेयर) विषादः (मे), उपनिषद्, पुष्करसद्, परिषद् (सन्मा), प्रासादः (पनृप३२), सत्रम् (यव), निषद्वरम् (54), सादिः (1 मवार, 2 साथि), सदः (अस+ समा), द्युसद् (31), सदनम् (32), प्रसन्नम् (निस), प्रसोदिका (हामुंडीन). षद्, (ल) प. 6. विशरणगत्यवसादनेषु. १म१यव पेशवा, शण, 2 vj, 3 साह न होवो. सीदति अवयव वराय. सादः, प्रसादः, विषादः, सद: (अस् + सला). षद्, (ल) उ. 10. गतो. rj. (आङ्पूर्वः), आसादयति - ते, आसीदति जय. पप, (अ) प. 1. समवाये. समवायः संबंधः सम्यगवबोधोवा. १सय ४२वो, 2 2 न. सपति संबंध 422. सप्तिः (घोडो), सप्त घटाः (सात ). पंब, (अ) उ. 10. संबंधने. संबंध ४२वो. संबयति - ते संमंध ४३छे. षम, (अ) प. 1. अवैकल्ये. विषे४॥ ययु. यथार्थ 1. समति. समः, विषम:. पर्ज, (अ) प. 1. अर्जने. संपादन 42y, भा. सर्जति संपादन ४२छे. पर्ब. (अ) प. 1. गती. पुं. सर्बति यछे. पर्व, (अ) प. 1. हिंसायाम्. 65. सर्वति हणुछे. पल, (अ) प. 1. गती. 4. सलति यछे. पस्, (अ) प. 2. (वै०) स्वमे. बुध, 2. सस्ति छे. सास्ना (आय ना जानो 55), सस्यम् (क्षा९ि५५). 24 For Private And Personal Use Only

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