Book Title: Dhatu Sangraha
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 195 धातुसंग्रह. स्तंभ, (उ) प. 9. (सौ०) रोधने निष्कोषणे च. 1 25j, disg. 2 मा६२ यु, 162 4. स्तुभ्नोति-स्तुभ्नाति धेछे इ०. स्तूप, (अ) प. 4. समुच्छ्राये. गली 42, 16 ४२वी. स्तूप्यति धान्यम् माजी 42. स्तूप, (अ) उ. 10. समुच्छ्राये. 1-in ४२यो, पछि 4250. सूपयति ते गोधूमम् गानो दा रे. स्तु, (ञ) उ. 5, आच्छादने. मोछ।७g, aisj, . स्तृणोति-स्तृणुते मो०। 7. प्रस्तर:= पथ्थरो= ५५रो. विस्तृतः. आस्तरः=आथरो= माथ२. प्रास्तरणम् = पाथरणं = पाया. स्तृह, (अ) प. 6. हिंसायाम्. ह. स्तृहति हछि. स्त, (3) उ. 9. आच्छादने. मोऽj, , dist.. स्तृणाति-स्तृगीते मो . आस्तीर्णः, विस्तीर्णः, प्रस्तारः प्रस्तर:- पथ्थरो = पथरी. विस्तारः, पटस्य निस्तारः स्तरः =थरो- 52. वाक्यस्य विस्तरः विस्तर: शब्दस्यविष्टर: (1 '16, 2 मासन, 36 भुष्टि), निशास्तरः- निहाय. आस्तरः= आथरोमायर, स्तरी (से.४), प्रास्तरणम् = पाथरणं = 5 / 526. 1 स्तरः, 2 स्तरी, 3 स्तरम् (55). स्तेन, उ. 10. चौर्य. या२. स्तेनयति ते येरेछे. स्तेनः (2). स्तोम. उ. 10. श्लाघायाम्. स्तुती 4250. स्तोमयति-ते स्तुति 42. स्तोमः / अमिष्टोमः स्त्यै, प. 1. शब्दसंघातयोः. 1 2006 ४२वो, 2 मुंथपुं, मेई 42. स्त्यायति શબ્દ કરે છે. स्थग, (ए. म्) प. 1. संवरणे. संवरणमाच्छादनम्, मोऽयु, छापुं, disj स्थगति भूच्छाया चंद्रम् 2014 // यंद्रने टि. स्थगति = ठगइ = 4ii. णौस्थगयति छ. स्थगः= ठगो = 421. स्थगनः- 4o . स्थगी (तमोजनो डियो), स्थागम् (2 // 5), अस्थागम् (24 // 5), स्थगितः= ठगिओ = ४यो. छ स्थुइ, (अ) प. 1. संवरणे, मोछाउ, disg, छाj. स्थुडति सो स्थडम्, लत्वे- 2 स्थुलम् (तं). For Private And Personal Use Only

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