Book Title: Dhatu Sangraha
Author(s):
Publisher:
View full book text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. 201 हिड्, (इ) प. 1. गत्यनादरयोः. 1 4. 2 2162. हिंडते जय इ०. हिंडते = हिंडए = हि3. हिंडनम्, हिंडनः हिडितः- हिंडिओ = हिंऽयो. हिंडिः (निये २५वाण). हिल, (अ) प. 6. भावकरणे. मित्राय पो. हिलति अभिप्राय प्ररेछे. हेला (मैथुनेमाथी 20621i42 ४२वो). हिव्. (इ) प. 1. माणनार्थः. तृप 42. हिन्वति १२छे. हिक्क, (अ) आ. 10. हिंसायाम्. पुं. हिक्कयते . हिस्, (इ) प. 7. हिंसायाम्. इस. हिनस्ति हणूछे. हिंसा, हिंसनम, हिंस्रः, हिंसकः, हिसितः, हिंसानः (414), सिंहः. हिस्, (इ) उ. 10. हिंसायाम्. 6. हिंसयति-ते, हिंसति होछे. हिंसा, हिंसका. हु, प. 3. दानादनयोः आदाने प्रीणने च. दानमत्र हवि प्रक्षेपः, अदनं भक्षणम्. 1 होम, 24, पा, 3 सयु, अ. 4 त 42. जुहोति होमछे. होता (क+भना२), हवनम, 1 होमः, 2 आहुतिः (35), हव्यम (पने पा), हवः, होत्रम्, हविः (ष् + पुरो॥२॥६), आहावः (हाडो). हुड, (इ) आ. 1. वरणे हरणे च. 1 पसुं, सीयु, 2 62j, स, हुंडते हुइ, (इ) आ. 1. संघाते. म ४२युं, मन ४२यु. हुंडते मे 432. हुंडम्, हुंड: (स), 1 हुंडा 2 हुंडिका 3 हुडिः (वि[sa नात). हुड, (अ) प. 6. संघाते निमज्जने च. म 42j, मेत्र 42. 2 हाj, ____ई पा. हुंडति धान्यम् // 44aa रेछ. हुडः (मेष). हुड, (3) प. 1. गती. . होडति यछे. होडा (151). हुर्छ, () प. 1. कौटिल्ये. कौटिल्यमपसरणम्. 1 वाई यात्यु, दुनिता ___४२वी, 2 मोस. हूछति सिता 22. हर्छनम् (रिय). हुल, (अ) प. 1. गती हिंसासंवरणयोश्च. 14, २६शुपुं. 3 माऽj, छापुं. होलति जयछे होलति = होलइ = होते. हुडुः (भष). हूइ, (3) प. 1. गतो. पुं. हूइति यछे. 26 For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 204 205 206 207 208 209 210