Book Title: Dhatu Sangraha
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 204 धातुसंग्रह. ल्हाद, (ई) आ. 1. अन्यक्ते शब्दे सुखे च. 1 सस्पष्ट - 21248 2006 ४२वो, 2 सु५५४२. ल्हादते 1243 254427. ल्हादः (1 25254 26, 2 सु५), आल्हादः (मानह), प्रल्हादः (हरिल1 है.५). व्हल, (अ. म् ) प. 1. चलने. न्याय, हाय. व्हलति हास. गौ - व्हलयति हसावे. विव्हलः (4 / 52). व्ह, प. 1. कौटिल्ये. यास. व्हरति खलः 55 प याल. उपव्हरम् (Mit). व्हे, (ब) उ. 1. सायां शब्दे च. aant/27, २पी ४२वी. 2 24356 ४२वो, मोस. व्हयति - ते 25 2. आव्हयते मलो मलम् भज्ञ भने निता.. आव्हयते पिता पुत्रम् पिता पुत्रने सा४२७. 1 हवः, 2 आव्हानम् (सा६४२), 1 भाव्हा, 2 आव्हयः (संसा), आहवः (यु६), समाव्हयः (प्रारिशुद्धत), उपव्हरम् (1 संधि, 2 मंति), "आहूयंते पानाय गावो यस्मिन्" 1 आहावः, 2 आहावकः == आहावडो = [पाओ, (ना). शोक. श्रीटेलरसहायेन ब्रजलालेन धीमता / / अम्मदावादनगरे रचितो धातुसंग्ग्रहः // 1 // समाप्तः BOMBAY : PRINTED AT THE EDUCATION SOCIETY'S PRE88, BYCULL.. For Private And Personal Use Only

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