Book Title: Dhatu Sangraha
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. सूच, उ. 10. पैशुन्ये. पिशुनो दुर्जनस्तस्य कर्म पैशुन्यम्. या ४२वी. सूचयति -ते याडी 422. सूचक (24131या), सूक्ष्मः ( ), 1 सूचिः, 2 सूची = सूइ = सोय. सूत्र, उ. 10. वेष्टने विमोचने च. विमोचनं मोचनाभावो ग्रंथनमितियावत्. 1 वियु, 2 jथ. सूत्रयति-ते विछे. सूत्रम्, सूत्रकारः, सूत्रधारः, सूर्त, (अ) प. 1. आदरे. मा६२. सूक्षति मारेछ. सूक्षणम् (मा४२). सूर्य, (अ) प. 1. ईर्ष्यार्थः. द्वेष ४२पो. सूर्यति द्वेष 437. सृ, प. 1. शीधगतो. ताqjrg, होऽj. धावति ।उछे. स, प. 1. गतो. rg. सरति तीर्थ मुनिः मुनि तीर्थ जयशे. प्रसरति = पसरइ५०२. अनुसरति = अनुसरइ = मनुस३. अबसरति = अवसरइ :मास२. निःसरति = नीसरइ = नासरे. उत्सरति = उसरइ = सरे. प्र. सारः = पतारो = 5 // 2. अनुसारः= अणुसारो = माणुसारो. निःसारः= नीसारो - नीसा२. विसारः= विसारो-विसा२. आसारः (सेनापसा२, 2 - 51), सरणुः (भिगति), सूर्यः, सरकः प्रसृतः= पसरिओ = ५सयो. अनुसूतः -- अनुसरिओ = मनुसरयो. उत्सतः = उसरिओ = सरयो निःसृतः = नीसरिओ = नीस२यो. सुसरम् = सुसर. अभिसारिका (पतिना या प्रमाणे यासारी खी), सारः (1 पल, 2 मी०४), पुरःसरः, अतिसारः (२।९पनो रोग), सार्थः = सथ्यो = साथ. सर्षपः= सरिसबो = सरसव. सृगालः= सियालो = सियान. अग्रेसरः, परिसरः (मागोण), सरिरम् -लखे सलिलम् (45), 1 सरणिः, 2 सारणी (नी), सर्वः- सबो = स५ = स 9. सरित् (न), सरयुः, 2 सरयूः= सरजू (ral). . सृ, प. 3. (वै०) गतो. पुं. ससत्ति जयछ. सृन, (अ) आ. 4. विसर्ग. 1 मृत्यु, 2 मृMय. सृज्यते मालां चेत्र: यैत्र भावाने सलेछ. सृज्यते माला भासा मलय. स्रष्टा (a + 1 मृ॥२, 2 ब्रह्मा), सृष्टिः, संसर्गः (सं०५), विसर्गः (त्या), उपसर्गः (51), निसर्गः (विनाय), सृष्टः, 1 उत्सृष्टः, 2 विसृष्टः (2541). सृज, (अ) फ. 6. विसर्ग. म. सृजति मालां मैत्रः मैत्र मालाने सोछे. सृष्टः रज्जुः (21), सृजती, सृजंती स्त्री. 25 For Private And Personal Use Only

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