Book Title: Dhatu Sangraha
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Ah Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 188 धातुसंग्रह. पूद, (अ) आ. 1. क्षरणे क्षपणे च. क्षरणं निरसनम्. नि॥४२६५ 429, पा२', निवार, निषेधपुं. 2 6, 7. सूदते निवारेछ, छ. सूदते = सूदइ = छु. सूदः = सूदो = छुहो. सूदा (हिंसा), सूदी = सी. निषूदनम् (सिन), सूदम् = सूडं = . मधुसूदनः, पूद, (अ) उ. 10. क्षरणे क्षणने आश्रवणे च. 1 निवार, निषेध, 2 हां , छु:g, 3 42. सूदयति - ते निपारे इ०. 1 षूदनम्, 2 निषूदनम् (हिं सा), मधुसूदनः. पूर्भ, (अ) प. 1. अनादरे. ति२२४।२ ४२पो. सूक्षति ति२२४ारेछे. खूष, (अ) प. 1. प्रसवे. 14, 2 प्रेर. सूषति पुत्रं माता माता पुत्रने 4 पृथ, (उ) प. 1. हिंसार्थः. 64. सर्भति होछे. धूम, (उ) प. 1. हिंसार्थः 45. सुभति होछे. षेल, (ऋ) प. 1. गती. . सेलति यथे. षेव, (क) आ. 1. सेवने. सेक्यु. सेवते सेवछ. सेव्यः, सेवक, सेवा, सेवनम्. सेवितः = सेविओ = सेन्यो. थै, प. 1. क्षये. क्षय पाम. सायति क्षय पाछे. षो, प. 4. अंतकर्मणि. अंतकर्म शासनम् , , ना२।४२. स्यति कालोलो कम यसो होछ. अवसानम् (भंत), व्यवसायः, साम (A+ 1 साभव + 2 प्रिययन. टक, (अ. म्) प. 1. प्रतीपाते. 515, 414 ४२यो, पासपुस्तकति पाउछे. गौ-स्तकयतिग, (ए. म्) प. 1. संवरणे. संवरणमाच्छादनम्. 7i, disg, मो . स्तग ति छ।यथे. गौ-स्तगयति पिछे, एन, (अ) प. 1. शब्द. 2106 ४२वो. सनति 2006 2. स्तनितम् (2006). एम. (इ) आ. 1. प्रतिबंधे. प्रतिबंधः क्रियानिरोधः थाई, 242. संभते मछ. स्तंभते = थंभइ =थन. स्तंभ:- थंबो = यन. स्तंभनम् = थंभणम् = यनशु. विष्टंभः, प्रतिष्टंभः, उत्तंभनम्, अवष्टंभः टम, (अ) प. 1. अवैकल्ये. वि१४॥ ययु, यथार्थ वर्ग. स्तमति विव! थायछ. For Private And Personal Use Only

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