Book Title: Dhatu Sangraha
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 150 धातुसंग्रह. रुप, (उ) प. 4. विमोहने. विमोहनं व्याकुलीकरणम्. व्याय 42. रुप्यति प्यार 42. रुप्यम् = रुप्प = 6y. (1 रूY, 2 रुपैयो). रुश, (अ) प. 6. हिंसायाम्. रुशति हणुछ. रोशः (हिसा) रुश, (इ) उ. 10. भाषाथै भासाथै च. 1 मोसयुं, 2 5. रुंशयति-ते, रंशति भोलछे इ०. रुष, (अ) प. 1. हिंसायाम्. पुं. रोषति होछ. रोषनम् = रोसन (हिंसा). रुष, (अ) 4. रोखे हिंसायां च. 15j, 2 रीसाधू. 3 6. रुष्यति अपेछ. रोषः (5), रुष्टः= रुहो = डी. रोषण: (ोधी), रुट (ष् + ओ५). रुष, (अ) उ. 10. रोषे. ओ५. रोषयति-ते पिछे. रोषः. रुष्ट == रुठो = ठो. रुह, (अ) प. 1. बीजजन्मनि प्रादुर्भावे च. बीजजन्मांकुरोत्पत्तिः. 17nj, 5 गो-उसो स्टयो, 2 154. रोहति बीजं क्षेत्रे अतभा जगेछ. 1 रोहः, 2 प्ररोह: (सं.), 1 रोम-लत्वे 2 लोम (अन् + पाण), 1 रुहः, 2 रोहिः, 3 रोहितः (भृग), प्ररुहः, आरोह:, रूढः (1 ग्रेस, 255), आरूढः (45), 1 रोहित:--लत्वे 2 लोहित: (1 मृगविशेष, 2 सास२), रोहिणी (14, 2 नक्षत्रवि०), रोहिषम् ( तृति ), विरुत् (वि. साश्वती वली), आरोहणम् (51), अवरोहणम् (उता२). रूक्ष, उ. 10. पारुष्ये. ४ोर- ५-मो. रूक्षयति-ते बj थायछे. 1 रूक्षः-लवे 2 लक्ष:= लुक्खो = पो. 1 रूक्षा, 2 लूक्षा = लुक्खा = वली. 1 रूक्षम्, 2 लक्षम् = लुक्खं = मुं. रूप, उ. 10. रूपक्रियायाम्. राजमुद्रादिरूपस्य करणं वा रूपस्य दर्शनं रूपक्रिया. १२मुद्रादिरू५ 42j-3, 2 65 ने, निहाण. रूपयति-ते 205 ४२छ, 2053 मेछ. रूपम् (1 सौप्य, 2 मावृति, 3 शुभादि 205), रूपकम्, निरूपणम्, निरूपणा, निरूपितम् (पायु). . रूप, (अ) प. 1. भूषायाम्. रोनावयु, पाव. रूपति शरीरमलंकारेण नारी नारी 253 21602 शोभायेछे. रूषितम् (भूषित), रूषणम् (भूषण). For Private And Personal Use Only

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