Book Title: Dhatu Sangraha
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 174 धातुसंग्रह. शड, (ई) आ. 1. रुजायां संघाते च. 1 पीउपुं, नपुं, 2 मेहुँ ५-४२युं. शंडते पाउछे इ०. शंडः (1 असुरपुरोहित, 2 हरायुं ढो२). शण, (अ. म्) प.१. दाने गती च. j, rg. शणति छ. गौ-शणयति. शणः (राधान्य). शद, (ल) *प. 1. शातने. शातनं तनूकरणम्. सारेपुं, छोस, मिन ४२पुं. शीयते छोलछ. शादः (1 घास, 2 165), शूद्रः, शद्रिः (10), शत्रुः (वैश). शद्, (ल) प. 6. शातने. शातनं तनूकरणम् पात 42y, छोल, शीयते छोराछे. शप्, (अ) उ. 1. आक्रोशे उपलभने च. आक्रोशोविरुद्धानुध्यानम्. नियु, 2 // 5j, विक्षता पुं. 2 साक्षा(४।२थयो शपति-ते मैत्राय भैत्रने शपिछे. शापः, शपथः शब्दः = सद्दो = सा. शप, (अ) . 4. आक्रोशे.नि., 2 // 5g, वि२६ता, शप्यति-ते पापिनम्. शापः, शपथः. शब्दः = सद्दो = सा. शंब्, (अ) उ. 10. संबंधने. संबंध ४२वो. शंबयति - ते संबंध ४३छे शंबा = संबा = साम (सामेलाने भुजेलो ढानी), शंबलम् (मातुं). शब्द, (अ) उ. 10. आविष्कारे. प्रतिता ४८वी. शब्दयति प्रतिसा प्रोछे. शब्द, (अ) उ. 10. उपसर्गादाविष्कारे भाषणे च. ६५सर्ग पूर्व 2 / 06 धातु :तिसावी समर्थभा भने भाषण 42 मे मर्थमा प्रवतछे. विशब्दयति, प्रतिशब्दयति प्रतिश्रुतमाविष्करोतीत्यर्थः प्रतिसाटेछ. विशब्दयति, प्रतिशब्दयति भोलछे. शम, (उ) प. 4. उपशमे.अकर्मकः. शाम्यति कोपः ओपमिछ. शाम्यति == समइ = सभे. शमका, शांतिः, शंखः, शंढः (नपुंस), शंकुः (थाभला), शंडः = सांs (हरायुंढोर), शमी (सभी आ3), शांतः, शंपा (पाणी), शमः, उप: शमः, शमी (सिंग), शुंगा (नपान 652 4ize). शम्, (अ) भा. 10. आलोचन. ३२॥तिये . शामयते, निशामयते गुछे. निशामनम् (). श, (अ) प. 1. गतौ हिंसायां च. 14, 2 . शबीत ह. शर्वति लायछे इ०. शर्वः (शिव), शर्वाणी (पावती). *शितमामात्मनेपद थायछे. For Private And Personal Use Only

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