Book Title: Dhatu Sangraha
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Page 132
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह 127 मच, (इ) प. 1. गतो. . मंचति जयथे. मज, (इ) प. 1. (सौ०) ध्वनी. रामद ४२पो. मंजति 225 रेछ. मंजूषा = मस मंजुलः (सुं६२), 1 मंजा, 2 मंजरि:, 3 मंजरी = भा४२८. मंजा (181), मंजीरम् (48), मंजीरः (पोशाना वासनी मां331). . मज, (इ) प. 1. शब्दार्थः. 2006 ४२पो. मंजति 2 / 06 42. मद, (अ) प. 1. (सौ०) अवसादने. मे म. मटति मे पामेछ. मद, (अ) प. 1. मदनिवासयोः स्थौल्ये च. 1 म६ ४२यो, वित्तवि।२ थयो, गाई यj-४२j, 2 1, 2, 3 42j, भ. मठति भ६ श्रेछ. इ०. मठति - मढइ == मटे. मठरः (मधम), 1 मठः, 2 मठी, 3 मठम् (विधाय| मने संन्यासीनु घ२), मठः= मढो = मठ. मठी = मढी. म, (इ) आ. 1. शोके. शोक इह आध्यानम्. २भरघु, संभार. मंठते भरे. मड्, (इ) प. 1. भूषायाम्. शोभाव. मंडति शोलायछ• मंडनम् (भूष), ___ मंडप:= मंडवो = भांडवो. मड, (इ) आ. 1. विभाजने वेष्टने च. विभाजनं विभागीकरणं चर्माभावश्च. 1 विला ४२वो, मिन 42, 2 27j, 3 वायु मंडने विमा 422. मंडः (२सा अ, 12.), मंडकः (त२), मंडूकः (ओ), मंडूरम् (सोहमय), 1 मंडलम्, 2 मंडली (संघ, योणी).. मड, (इ) उ. 20. भूषायाम्. शोभाव, पाव. मंडयति-ते, मंडति शोलावे. मंडनम् (52), मंडितः (मसंत). मण, (अ) प. 1. शब्दार्थ:- 256 ४२वो. मति 2008 422. माणवः (शिय), 1 मणिः, 2 मणिकः (माय, महाघर), मणि: (24). मंतु, प. 11. अपराधे रोषे च. 1 25535 ४२वो, 2 रीस ४२वी. मंतूयति ___ म५।५ 22. मंतुः (152 // 5). मंतु, (ज) उ 11. अपराधे रोषे च. 1 2552 / 5 ४२यो, 2 // ४२वी. मंतू यति-ते 55215 2. मंतुः (अपराध). मत्र, (इ) आ. 10. गुप्तपरिभाषणे. 7iDj. शुभविया२ ४२यो. मंत्रयते राजा 11 wij छ. मंत्रः (2 भाषां), 1 मंत्री (इन् +), 2 मंत्रिः (प्रधान). For Private And Personal Use Only

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