Book Title: Dhamvilas
Author(s): Dyantrai Kavi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

View full book text
Previous | Next

Page 90
________________ (159) चार बोलके चौवीस भेद। कौं परनए। यान दरस भए (158) कही प्रतेक निगोद, नित्त ईतर साधारन / सूच्छम थूल वखान, पंचइंद्री मन विन मन / / आगम अध्यातम कथन सुन, सुपर भेदकों पर थिरकलप त्यागि जिन कलप धरि, केवल ग्यान बंदौं बंदसरूप, साध स्रावग सुखदायक / नित्त अनित्त प्रवान, गुनी गुन सबके ग्यायक // * पुन्य पाप परकासि, तास फल सुख दुख भाखें। रूप अरूप निहार, दोय परिगह नहिं राखें // दो भेद ग्यान वरनन करें, दरव भावसौं पूजिये। निहचै व्यौहार सँभार मन, दोय दयामय हूजियें // 5 // तीन बोलके चौवीस भेद / तीन साध आराध, वचन मन काय लायकर। तीन पात्र सरधान, तीन विध आतम मन धर // तीन लोककौं जान, काल तीनौं अवधारौ / संख असंख अनंत, दरव गुन परज विचारौ // संसै-विमोह-विभ्रमरहित, ध्यान ध्येय ध्याता मुनौ। करतार करम किरिया समझि, ग्यान ग्येय ग्यातासुनौ सामायिक तिहुँ वार, तीन सव सल्ल नसाऊं। तीनौं दरसन मोह, जनम मृत जरा मिटाऊं // तजि तीनौं अग्यान, तीन समकित मन आनौं। तीन समै अनहार, देवगुरुधर्म प्रवानौं / लखि भाव पारनामी त्रिविध, तीन करमसौं भिन्न है। तजि राग दोष अरु मोहकों, तीन चेतना चिन्न है॥७ 1 स्थविरकल्प। तरानन भगवान, दान विध च्यारि बताये। मारि अराधन धारि, च्यारि अरथनिकौं पावै // रिसंघ आराधि, च्यारि विध वेद वखाने / * च्यारि विध देव, च्यारि निच्छेपै जाने / घाति करम चकचूर करि, जरि संग्या चारौं गई। नह ध्यान बखान विधानसों, च्यारि भावना मन भई॥ माहित अनंत चतुष्ट, च्यारि चौकरी विनासी। च्यारि कषाय जलाय, च्यारि विकथा नहिं भासी॥ पान च्यारि परकार, च्यारि दरसन परगासक / पागलके गुन च्यारि, नारि चहु सील विनासक // माहि च्यारि जात उपसर्गकौं, च्यारिभेद मन वस किया। तिन बंध च्यारि परकार हरि, चहु गतिकौं पानी दिया। ___ पांच बोलके चौवीस भेद। नमौं पंच पद सार, पंच इंद्री वस कीजै। पंच लवधिकौं पाय, पंच स्वाध्याय पढ़ीजै // चारित पंच विचारि, पंच परमाद विसारौ / अंतराय विध पांच, पांच मिथ्यात निवारौ // पांचौं सरीर ममता तजौ, नींद पांच नहिं कीजिये। धरि पंच महाव्रत भावसौं, पंच समिति चित दीजिये। सिद्ध पंच ही भाव, पांच पैताले जानौ / पंचाचार विचार, पंच सिवकारन मानौ // Scanned with CamScanner

Loading...

Page Navigation
1 ... 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143