Book Title: Dhammapada 01
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 194
________________ हो रहा है 1 प्रेम है महामृत्यु मैं तुमसे सहज होने को कहता हूं। मैं तुमसे स्वाभाविक होने को कहता हूं। मैं तुमसे सर्व स्वीकार को कहता हूं। इसलिए प्रेम के विरोध में नहीं हूं मैं । प्रेम को उसकी पूरी गहराई में जानने के पक्ष में हूं। यद्यपि तुम जिसे प्रेम कहते हो, वह प्रेम भी नहीं है। तुम जिसे प्रेम कहते हो वह कैसे प्रेम होगा ? अभी तुम ही नहीं हो, अभी तो प्रेम करने वाला ही मौजूद नहीं है – तुम जो करोगे वह कैसे वास्तविक होगा ? तुम ही झूठ हो, तो तुम्हारा प्रेम तो झूठ होने ही वाला है। तुम ही घृणा से भरे हो, तो तुमसे प्रेम कैसे निकल आएगा ? तुम्हारे भीतर हिंसा ही हिंसा है, क्रोध ही क्रोध है, ईर्ष्या है, द्वेष है - तुमसे प्रेम कैसे निकल आएगा ? प्रेम को तुमसे ही निकलना है, तुम्हारे भीतर होना चाहिए । इसलिए मैं कहता हूं कि प्रेम जिसे तुम कहते हो वह प्रेम नहीं है। लेकिन उस प्रेम के ही सूत्र को पकड़कर अगर तुम धीरे-धीरे प्रयोग करोगे, तो जो आज पतले महीन धागे की तरह हाथ में है, कल वही बड़ी धारा बन जाएगा । .एक बड़ी प्राचीन कथा है। एक सम्राट अपने वजीर पर नाराज हो गया। उसने उसे एक मीनार पर बंद करवा दिया। वहां से भागने का कोई उपाय न था । अगर वह कूदे भी तो प्राण निकल जाएं। बड़ी ऊंची मीनार थी । उसकी पत्नी बड़ी चिंतित थी, कैसे उसे बचाया जाए? वह एक फकीर के पास गयी। फकीर ने कहा कि जिस तरह हम बचे, उसी तरह वह भी बच सकता है। पत्नी ने पूछा कि आप भी कभी किसी मीनार पर कैद थे ? उसने कहा कि मीनार पर तो नहीं, लेकिन कैद थे। और हम जिस तरह बचे, वही रास्ता उसके काम भी आ जाएगा। तुम ऐसा करो... I उस फकीर ने अपने बगीचे में जाकर एक छोटा सा कीड़ा उसे पकड़कर दे दिया । कीड़े की मूंछों पर शहद लगा दी और कीड़े की पूंछ में एक पतला महीन रेशम का धागा बांध दिया। पत्नी ने कहा, आप यह क्या कर रहे हैं? इससे क्या होगा ? उसने कहा, तुम फिकर मत करो। ऐसे ही हम बचे । इसे तुम छोड़ दो मीनार पर। यह ऊपर की तरफ बढ़ना शुरू हो जाएगा। क्योंकि वह जो मधु की गंध आ रही है - मूंछों पर लगी मधु की गंध - वह उसकी तलाश में जाएगा। और गंध आगे बढ़ती जाएगी जैसे-जैसे कीड़ा आगे बढ़ेगा, तलाश उसे करनी ही पड़ेगी । और उसके पीछे बंधा हुआ धागा तेरे पति तक पहुंच जाएगा। पर पत्नी ने कहा, इस पतले धागे से क्या होगा ? फकीर ने कहा, घबड़ा मत । पतला धागा जब ऊपर पहुंच जाए, तो पतले धागे में थोड़ा मजबूत धागा बांधना। फिर मजबूत धागे में थोड़ी रस्सी बांधना । फिर रस्सी में मोटी रस्सी बांधना । उस मोटी रस्सी से तेरा पति उतर आएगा । उस छोटे से कीड़े ने पति को मुक्ति दिलवा दी। एक बड़ा महीन धागा ! लेकिन 181

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