Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 14
Author(s): Parshuram Krishna Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

Previous | Next

Page 204
________________ [] Nataka मारः प्रादवीरः शिरसि करतोयापितेनांगदेन माताडितोद्राक शिवशिव समरे पश्चिमार्धेन तावत् १८७ Ends. (com.) fol. 140b अश्वारूढो मारो राक्षसश्रेष्टः तत्र युद्धे पश्चिमार्द्धेन खंडितस्य वाजिनः पूर्वमर्द्ध पादयुग्मेन धावंतं अध्यारूढः सन् अरिकुलबलात् यावत्स्वं शिबिरं न बु(ख) जति तावत्कुद्धेनांगदेमाश्वस्य पश्चिमार्थेन करतलोत्थापितेन द्राक् शीघ्र मेव शिरसेि आसमंतात्ताडितः पपातेत्यन्वयः १८० References. -- See No. 148. महावीरचरित No. 150 Mahaviracarita 152. 1866-68. Size.-- 12g in. by 5 in. Extent.- 50 leaves ; Io lines to a page; 40 letters to a line.. Description. - Modern paper with watermarks; Devanagari cha racters; blue in appearance; hand-writing, clear, legible and uniform; folios numbered in both margins; the Ms is a bound copy. Age.= Sake 1789. Author.-— Bhavabhūti. Subject. - A play based on the life of Rama. Begins. fol. rb ॥ श्रीगुरुदेवदत्त ॥ अथ स्वच्छा (स्था ?)य देवाय नित्याय हतपाप्ने ! त्यक्तक्रमविभागाय चैतन्यज्योतिषे नमः ॥ १ ॥ नायंते सूत्रधारः अये खलु भगवतः कालप्रियता (ना) थस्य यात्रायामार्यमिमाः समादिशति । महापुरुषसंरंभो पत्र गंभीरभीषणः । च ॥२॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326