Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 14
Author(s): Parshuram Krishna Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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172.]
Națaka
209
Description.- Modern paper with water-marks; Devanagari chara.
ctors; hand-writing, clear, legible and uniform right-hand
margin of folios spoiled with spots ; left-hand corner of
tol. 39 torn; complete. Age.- A modern copy. Author.- Kaśīrājā. Subject.- A drama describing the love of Mukunda (Srikrsna)
Manjari. Begins.- fol. I
श्रीगणेशाय नमः॥ वंदे वंदारुमंदारमिंदुभूषणनंदनं
अमंदानंदसंदोहबंधुरं सिंधुराननं १ कंठालिंगनमंगल धनकुचामोपभोगोत्सवं श्रोणीसंगमसौमगं च सततं सत्प्रेयसीनां पुनः । प्राप्त कोयमितीर्ण्य यैव यमुनाकूले बलायः स्वयं गोपीनाममदुकलनिचयं कृष्ण स पुष्णातु नः
नायते मूत्रधारः
__ आकाशे कर्ण दत्वा किं बूथ साधु भरताचार्यपुत्र साधु वयमपि चिराकस्यापि सरसकवेः सूक्तिमुक्तामणिग्रथितमभिनघं भाणमलोकितमुत्कंठिताः
तदद्य तादृशमेव कमपि भाणमभिनीय दर्शयतु भवानिति अनुगृहीतोस्मि etc. Ends.- (com.) fol. 70°
तथापीदमस्तु वर्षतु कामं भुवि वारिवाहा गोब्राह्मणेभ्यः कुशलानि संतु तुष्यंतु संतः सुकविप्रबंधैस्तेषां च शाम्यंतु खलोपसर्गाः ५६
मुकुंदानंदनाम्ना मे भाणेनानेन तोषितः कमलाकमन कामं कल्लोलयतु मंगलं ५७ कृति लसदलंकृति रसविदो बुधाये मम प्रसन्नहृदयादयाजलधयो बहू कुर्वते तदीयपदपनयोरयमयं प्रणामांजलिः
सरोजमुकुलाकृत्तिः शिरसि त्यये ५८ 7 [ Nataka]
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