Book Title: Dasveyaliya Sutta
Author(s): Ernst Leumann, Walther Schubrin
Publisher: Anandji Kalyanji Pedhi

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Page 25
________________ १४ दशवकालिकसूत्रम्. [अ०४ कारणं न करेमि न कारवेमि करेन्तं पि अन्नं न समणुजाणामि, तस्स भन्ने पडिकमामि निन्दामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि ॥ ११॥ से भिक्ख वा भिक्खणी वा संजय-विरय-पडिहयपच्चक्खाय-पावकम्मे दिया वाराओवाएगओवा परिसा-गओ वा सुत्ने वा जागरमाणे वा, से कीडं वा पयङ्ग वा कुन्यं वा पिपीलियं वा हत्यसि वा पायसि वा बाहुंसि वा जरुंसि वा उदरसि वा सीससि वा वन्यसि वा (पडिग्गेहंसि वा कम्बलंसि वा पायपञ्छणसि वा) रयहरणंसि वा गोछगसि वा उण्डेयसि वा दैण्डगंसि वा पीढगंसि वा फलगंसि वा सेज्जंसि वा संथारगंसि वा अनयरंसि वा तह-प्पगारे उवगरणजाए तओ संजयामेव पडिलेहिय पडिलेहिय पमज्जिय पमज्जियएगन्नमवणेज्जा,नो[संघायमावज्जेज्जा॥१२॥ अजय चरमाणो उ पाण-भूयाइ हिंसई । बन्धई पावयं कम्म, तं से होड कड़यं फलं ॥१॥ १ The words ( ) not in H.. २ पत्तंसि. ३ क° वा पा वा after दण्डगंसि वा. ४s गोच्छसि. ५७ उडु,, B. उण्डगंसि, F in s उण्डके, 8 उण्ड के. & B and S omit दण्ड० वा.. ७s पीढंसि.

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