Book Title: Darshan aur Chintan Part 1 2
Author(s): Sukhlal Sanghavi
Publisher: Sukhlalji Sanman Samiti Ahmedabad
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४२६
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[ ५६६ ]
५०३ अप्रमत्तसंयत ,
२७२ | प्रवक्तव्य अभयकुमार
१०७ अवग्रह अभयदेव १४,६१,८०,३६६, ३८७,
अवधान ४४९,४५१, ४५२, ४७६, ५१७ अवधि ३८२, १०३, ४५२ मनःअभयराजसुत्त
१०७
यायका अक्य ३८३, ४०३ ४२४, अभावरूपता अभिजाति
दर्शनान्तरसे तुलेना ४२५ गोशालक और पूरण कस्सप ११२ | अवधिदर्शन ३२१, ३४१ जैन ११२, -बौद्ध ११२
__के गुण स्थानों में मतभेद ३२१ अभिज्ञा
२९५
अवास्तववादी ३५० अभिधम्मत्थसंगहो
अविद्या २२५, २२८, २८० अभिधर्म
४२२
अवेस्ता ४०७ अभिधर्म कोष
४१५
अव्यवहार राशि २८१ अभेदगामिनी
अशोक ५१, ५६, ५१६ अभेदवाद
१६२ अश्रतनिश्रित १०४ औत्पत्तिकी प्रादि अभ्यास अभ्रान्त पद
अश्वमेधीय पर्व ८४, ८५ अमारिघोषणा
७७ अष्टशती ४४३, ४६५
श्रष्टसहस्त्री ४४३, ४५८, ४७१ ४७४, अरहा
२९४ ४७७ अरिहंत
५२८
असत्कार्यवाद १६३ और सिद्ध
५२८ असद्वाद १६३, १६३ के अतिशय
असमानता १६१ निश्चय व्यवहार दृष्टि से ५३० असंप्रज्ञात २९०, २९२, २९३ को प्रथम नमस्कार ५३०
अस्पृश्यता ४५ अर्घट
३६७, ४७३ | अहमदाबाद ४५५, ४६६ अर्जुन
अहिंसा ७५, ६, १२३, १२५, अर्थानुगम
१२५, १५७, ४०८,४१२, ४१६, चार प्रकार, प्राचीन और हरिभद्र
४१७,५०६, ५1०,५१८, ५३३, के अनुसार
५४४.
की भावना का प्रचार व विकास ७५ अर्धमागधी
४८४ अलंकार
४६४
अद्वैत ७६ .. . .... अलबरूनी
का आधार श्रास्मसमानता १२४ अलमन्सूरा .... . ... ४६६ । द्वैत और अद्वेत द्वारा समर्थन १२५
0
१२२
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