Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 42
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३४ द्वितीय दादागुरु देव पूजा सद्गुरु सुखसागर भगवाना, मणिधारी जग जुगपरधाना, नित पूजो हरि धूप विधाना, बोधि विशोधन हारा । पूजा से पाते भवी० ॥ ६ ॥ श्लोकसदोर्धदिव्यैकगति प्रवाही श्रीजैनचन्द्रो मणिधारिदादा। तत्पादपद्म-द्वितयं यजेऽहं सद्भावधूपप्रतिधूपनेन ॥ मंत्रॐ ह्रीं श्रीं अर्ह परम पुरुषाय परम गुरुदेवाय भगवते श्रीजिनशासनोद्दीपकाय नरमणि मण्डित भालस्थलाय दादा श्रीजिनचन्द्रसूरीश्वराय धूपं यजामहे स्वाहा। ५-दीपक पूजा। दहाशासन दीपक सदगुरु, ज्योतिर्मय जयकार । दीपक पूजा कीजियें, हो ज्योतिः विस्तार ॥ For Private And Personal Use Only

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