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दादागुरु देव पूजा संग्रह नगर नगीना संघ प्रमुख श्री,
विजयसिंह सुभक्तरे नमो भविजन भावे । सेद-रूडा अरु दिल्ही के,
अचलसिंह संजुत्तरे नमो भविजन भावे ॥४॥ पंच शबद के बाजे बाजे,
गाजे गगन घन गाजरे नमो भविजन भावे । मंगल गीत मधुर धुनि मंजुल,
गावे भक्त समाजरे नमो भविजन भावे० ॥ ५ ॥ नंदी दिव्यमहोत्सव पूर्वक,
श्रीनागोर मझाररे नमो भविजन भावे । वाचना चारज पद श्री गुरु दें,
कुशल कीरति को साररे नमो भविजन भावे ॥६॥ गुरु वसन्त जन जीवन पावन,
फूल प्रफुल्लित होतरे, नमो भविजन भावे । जग में जिससे अतिमनोहर,
प्रसरे परिमल पूररे नमो भविजन भावरे ॥ ७ ॥ वाचना चारज कुशल कुशल गुरु,
सुखसागर भगवानरे नमो भविजन भावे । "हरि' गुरु पूजो हृदय कमल में, पावो कुशल निधानरे-नमो भविजन भावे०। ८॥
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