Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 65
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.my दादागुरु देव पूजा संग्रह नगर नगीना संघ प्रमुख श्री, विजयसिंह सुभक्तरे नमो भविजन भावे । सेद-रूडा अरु दिल्ही के, अचलसिंह संजुत्तरे नमो भविजन भावे ॥४॥ पंच शबद के बाजे बाजे, गाजे गगन घन गाजरे नमो भविजन भावे । मंगल गीत मधुर धुनि मंजुल, गावे भक्त समाजरे नमो भविजन भावे० ॥ ५ ॥ नंदी दिव्यमहोत्सव पूर्वक, श्रीनागोर मझाररे नमो भविजन भावे । वाचना चारज पद श्री गुरु दें, कुशल कीरति को साररे नमो भविजन भावे ॥६॥ गुरु वसन्त जन जीवन पावन, फूल प्रफुल्लित होतरे, नमो भविजन भावे । जग में जिससे अतिमनोहर, प्रसरे परिमल पूररे नमो भविजन भावरे ॥ ७ ॥ वाचना चारज कुशल कुशल गुरु, सुखसागर भगवानरे नमो भविजन भावे । "हरि' गुरु पूजो हृदय कमल में, पावो कुशल निधानरे-नमो भविजन भावे०। ८॥ For Private And Personal Use Only

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