Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

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Page 63
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Jyvvvvvvvvvvvvv दादागुरु देव पूजा संग्रह परम अहिंसक धर्म प्रचारक, सत्य विचारकसार । अस्तेय वृत्ति ब्रह्मव्रतीवर, अकिंचन अविकाररे॥ भवरोग निवारे० ॥५॥ सुविहित सद्गुरु पारतंत्र्य में, प्रतिदिन वर्तनहार । धीर-वीर-गंभीर सुजीवन, जग जन तारणहाररे ।। भवरोग निवारें० ॥६॥ जन्मभूमि गुरुदीक्षा भूमि समियाणा सुखधाम । सुखसागर भगवानमहोदय, गुरु पूजो अविरामरे ।। भवरोग निवारें ॥७॥ कुशल मंगलकारी कुशलगुरु हैं, बावना चन्दनरूप । वन्दन पूजन करते भविजन, हो। 'हरि' गुण भूपरे ॥ भवरोग निवारे ॥ ८॥ (काव्यम् ) भवरोगहारी परमोपकारी दादाभिधानः कुशलाख्यसरिः । तत्पादपद्र-द्वितयं-नमामि सच्चन्दनेनेह सदायजेऽहम् ॥ मंत्रॐ ह्रीँ श्री अहं परम पुरुषाय परमगुरु देवाय भगवते श्रीजिनशासनोद्दीपकाय श्रीजिनकुशल सूरीश्वराय चन्दनं यजामहे स्वाहा ।। For Private And Personal Use Only

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