Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८८
८८
चतुर्थ दादागुरु देव पूजा
मन्त्र--
ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह परम पुरुषाय परम गुरुदेवाय भगवते श्रीजिनशासनोद्दीपकाय अकवर सम्राट प्रतिबोधकाय युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रसूरीश्वराय
पुष्पाणि यजामहे स्वाहा।
४-धूप पूजा।
दूहा
द्रव्य-भाव सौरभमयी, सद्गुरु श्रीजिनचन्द ।
सौरभमय वर धूप से, पूजो परमानन्द ॥ (तर्ज-केसरिया थांसु प्रीत लगी रे सच्चा भावसु)
सुरभित गुण बोधा, सद्गुरु जिनचन्दा सदा पूजियें ॥टेर ॥
थंभण-पारस भेटें सदगुरु, खंभायत चौमासा। प्रभु प्रतिष्ठा साधु-दीक्षा, बहुविध धर्म प्रकाशा रे ॥ १॥
अमदावादे सदगुरु पासे सारंगधर सतवादी । श्रावक लावे गुरु महिमाहित, मानी पण्डित वादीरे सुर०।२।
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115