Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee

View full book text
Previous | Next

Page 109
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दादा गुरुदेव पंज्ञा सग्रह "" श्लोक दिल्हीश्वराकबर बोधि-युगप्रधान दादाभिधान सुगुरोर्जिनचन्द्र सूरेः । पादारविन्द युगलं परमं पवित्र, सद्वस्त्रढोकन परोऽनुदिनं यजेऽहम् ॥ मन्त्र ॐ ह्रीँ श्रीँ अर्ह परम पुरुषाय परम गुरुदेवाय भगवते श्रीजिनशासनोद्दीपकाय अकबर सम्राट प्रतिबोधकाय युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रसूरीश्वराय वस्त्रं यजामहे स्वाहा १०- ध्वज पजा । दूहा द्रव्य भाव ध्वज रूप हैं.... सद्गुरु शासन गेह | ध्वज पूजा कर भविक जन-जन म सफल विधि एह ।। ( तर्ज - तीरथ नी आशातना नवि करिये ) सद्गुरु की कर पूजना भवि भावे, हारे गुरु पावन पदवी पावे । हांरे गुरु ज्ञान कला प्रकटावे, हांरे आसातना टार स०||टेर । ! For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 107 108 109 110 111 112 113 114 115