Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee
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दादागुरु देव पूजा संग्रह
१०३
गुरु उपदेशें तीर्थ के संघ भारी, हारे तीरथ तारे भवपारी । हारे सिद्धाचलवर गिरनारी, हांरे आबू प्रमुखा उपकारी । हारे यात्रा हितकर - सद्० ॥ ८ ॥
सुखसागर हैं सद्गुरु भगवाना, हांरे पूजो सद्गुरु युग परधाना । हांरेनिज जन्मको सफल बनाना, हांरे हरिगुरुशासन ध्वजमाना । हांरे बोलो जय जयकार --सद्०॥६॥ श्लोक
दिल्हीश्वराकबर बोधि-युगप्रधान - दादाभिधान सुगुरो जिनचन्द्रसूरेः ।
पादारविन्दयुगलोत्तम दिव्यदेशे,
पुण्यध्वजं सुप्रति रोपयितास्मि भक्त्या ।।
मन्त्र
ॐ ह्रीं श्रीं अहं परमपुरुषाय परमगुरुदेवाय भगवतः श्रीजिनशासनोद्दीपकस्य अकबर सम्राट् प्रतिबोधकस्य युगप्रधान श्रीजिनचंद्रसूरीश्वरस्य मंदिरोपरि ध्वजां आरोपयामि स्वाहा ।
* कलश
दूहा -
गुरु भज निगुरापन तजो, गौरव बढे विशेष । उपकारी गुरुदेव हैं, दें गुण- ज्ञान हमेश ||
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