________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१०४ चतुथ दादागुरु देव पूजा
(तर्ज-तेजतरणि सम राजे०) पूजो जग जयकारी गुरु हैं पूजो जग जयकारी ॥ टेक ।। तीर्थ कर विरही जीवों को, धर्म बोध दातारी गुरु हैं । देश विदेश विहारी स्वामी, उपकारी अवतारी गुरु हैं। ॥१॥ शासन सेवा खूब बजा कर-युगप्रधान पदधारी गुरु हैं । नगर बौलाडे या बेणातट आये गुण अविकारी गुरु हैं० ॥२॥ अंत समय निज जान-त्रिविध कर अनशन भाव उचारी गुरु हैं परमेष्ठी वर ध्यान समाधि-हुए स्वरग अधिकारी गुरु हैं० ॥३॥ आसोवद दिन दूज सोलहसो-सत्तर समय गुणधारी गुरु हैं । पाडत मरण महोत्सव किन्तु संघमें शोक अपारी गुरु हैं०॥४॥ सिंह समाना सूरीश्वर जिनसिंह-सुगुरु पटधारी गुरु हैं | धन कर्मेन्दु मंत्री धन गुरु, ज्योति जगति विसतारी गुरुहै ०॥५॥ अकबर शाह विशेष दयामय हुआ धरम अधिकारी ।। जन परभावक पूज्य परम गुरु भाव जयंती धारी गुरु हैं। ॥६॥ खरतर गण नायक सुखसागर-सद्गुरुकी बलिहारी गुरु हैं। गुरु भगवान भजो भवी भावे-भवोदधिपार उतारी गुरु हैं०॥७॥ संवत् गज निधि निध भू वर्षे-मोकलसर मनुहारी गुरु हैं० । श्रावण वद दिन दूज गुरु की-पूजा मंगलकारी गुरु हैं। ॥८॥ जिनहरि सागरसूरि गुरु गुण-गाये पावनकारी गुरु हैं । युगप्रधान जिनचन्द्र चरण कज,पूजा जय जयकारी गुरु हैं॥६॥
For Private And Personal Use Only