Book Title: Dada Gurudevo ki Char Pujaye
Author(s): Harisagarsuri
Publisher: Jain Shwetambar Upashray Committee
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
तृतीय दादागुरु देव पूजा
२–चन्दनपूजा
भव-भय-रोग हरें गुरु, चन्दन पूजा योग ।
आतम-शान्ति अनन्तगुण, प्रगटे शिवसुख भोग॥ ( तर्ज-भिनासर स्वामो अंतरजामी तारो पारसनाथ )
राग माढ भव रोग निवारे बोध प्रचार श्रीगुरु गुण भण्डार । हाँ...''श्री गुरु गुण भण्डार भव रोगनिवारें ॥टेर ॥ तेरह से सेतालीस फागुन, सुदिसातम सुखकार । कुशलकीरति दश वर्ष के बालक, पण्डित बर अनगाररे
भवरोग निवारें ॥१॥ कलिकाल केवली नप प्रतिबोधक, गुरुजिनचन्द्र सूरीन्द । पावन बोधि विशोधित आतम, सेवितपद अरविन्दरे ॥
__ भवरोग निवारः ॥ २॥ गुरुगम आगम तत्व विवेकी, निजपरमत के जाण । षड् दर्शन निज दर्शन कारक, तारक मुनि गुणखाण रे ।।
भवरोग निवार० ॥ ३ ॥ तपजत संयमी ज्ञानी ध्यानी, प्रकटित पुण्य प्रताप । श्रीजिन शासन रक्षकशिक्षक, दूर हरें दुःख ताप रे ॥
भवरोग निवारें ॥४॥
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115