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शत्रुजय तीर्थाधिपति श्री आदिनाथ भगवान शाम में ऐसा वचन है कि...
इस गिरिराज की आराधना करने वाला प्रायः तीसरे भव मोक्ष में जाता है,
परंतु किसी आत्मा को अपूर्व उल्लास के साथ | उत्कृष्ट भाव आ जाय तो अन्तर्मुहूर्त में मोक्ष मिलता है. इस तीर्थ की आराधना में इतनी ताकत है ।।
Jain Education International "सिद्धाचल गिरि नमो नमः विमलाचल गिरि नमो नमः' 2
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