Book Title: Chaityavandanadi Bhashya Trayam
Author(s): Balabhai kakalbhai
Publisher: Balabhai kakalbhai
View full book text
________________ aaaaaaaaaaavavanwwwesome/ RBaavaa || बेहुने अन्नदयज . एटले नक्षण करवा योग्य नथी, अने उ नदय विगइ साधु अने श्रावक | बेहुने नदय करवा योग्य ले. माटे एने लक्ष्य विग कहीये, तेना उत्तर नेद एकवीस थाय ते कहे जे. प्रथम दुध विगइ पांच नेदे , बीजी दधि विगइ चार नेदे दे, त्रीजी घृतविगइ चार नेदे , चोथी तेल विगई चार नेदे , पांचमी गोळविग बे नेदे डे, नही पक्वान्नविगइ द्वि| विध एटले बे नेदे , ए उधादिक नक्षण करवा योग्य विग बे, तेना सर्व मली उत्तरनेद एकवीश थाय .. __हवे चार अन्नक्ष्य विगश्ना उत्तर नेद कहे . प्रथम मधु विगइ त्रण नेदे , बीजी मदिरा || विगबेनेदे , त्रीजी मांस विगश्त्रण नेदे , चोथीमाखणविग चार नेदे . ए मधु आदिक | चार अन्नक्ष्य विग , तेना सर्व मली उत्तर नेद बार थाय ते सर्व नामपूर्वक पागल कहेशे॥ हवे प्रथम उ नक्ष्य दिगश्ना एकवीश नेद व्यक्त करी कहे . WWW/ANDUpeNBANON sinin Education national For Personal & Private Use Only www.janeiro

Page Navigation
1 ... 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338