Book Title: Chaityavandanadi Bhashya Trayam
Author(s): Balabhai kakalbhai
Publisher: Balabhai kakalbhai

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Page 321
________________ ems/tempathmaAINMENDOOGDADODAawatapp/BE सीयालं नंगसयं, जस्स विसुद्धिए होश उवलद्धं // सो खलु पच्चरकाणे. कुसलो सेसा अकुसलाय // 1 // इति // एना विशेष नांगा पम्नंगीना श्रावकना व्रत संबंधी थाय ते कहे . गाथा // तेरसकोमी सया, चुलसीइं जुयाई बारसयलस्का // सत्तासी सहस्सा, दोय सया तह पुर| पहिया // 1 // तेरसें कोमाकोमी, चौरासी कोमी, बारलाख सत्यासी हजार बसें ने बे थाय. एमज नवनंगीना नवाणुं हजार नवशे ने नवाणुं कोमी, उपर नवाणुं लाख, नवाणुं हजार, नवशे ने नवाणुं एटला नांगा थाय. एए ए एए एए ए ए ए एमज एकवीश नंगी तथा जंगण | पच्चास नंगीना विशेष नांगा थाय, ते सर्व आवश्यकबृहवृत्तिथी, तथा दीपिकाथी तथा प्रवच| नसारोकारवृत्तिथी, तथा श्रावकवतन्नंगप्रकरणवृत्तिथी, तथा देवकुलिकाथकी जाणवा. ते पच्चरकाणनो कुशल होय, तेणे विचारवा....... हवे ए पच्चस्काणनुज स्वरूप कहे जे. Maitrisatoeie/astavaHIMBORNMBERVetests/ ADVEM/10/60 For Personal & Private Use Only www.by og JainEducation into

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