Book Title: Chaityavandanadi Bhashya Trayam
Author(s): Balabhai kakalbhai
Publisher: Balabhai kakalbhai

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Page 335
________________ PENEDAAGDAMVAward लमा उपजशे, तिहां बोधिलान पामी चारित्र लही केवलझान पामी परंपराये मोक्षसुख पामशे, अने केटलाएक तेहोज नवे सिद्धि पामे. ए बे प्रकारे फलनुं नवमुं हार थयु.॥ एटले सर्व मुलगुण प्रत्याख्यान सर्व उत्तरगुण प्रत्याख्यान तथा अनिग्रहादिक देश उत्तरगुण पण होय, अने श्रावकने देश मूलगुण प्रत्याख्यान ते अणुव्रत तथा देश उत्तर गुण प्रत्याख्यान ते गुणव्रत अने शिदावत जाणवां. ते वली बे वे नेदे. एक श्वर ते अल्पकालि अनागतादि पच्चख्खाण मूल उत्तर गुण पच्चख्खाण अने देश उत्तरगुण पच्चख्खाण ते शिक्षावतादि तथा देशे मूलगुण पच्चख्खाण अने सर्वेथी उत्तरगुण पच्चख्खाण अने मूलगुण क्रियारूपे एबुं पच्चख्खाण धम्मिवादिकने जाणवु. इत्यादिक पच्चख्खापना नंग विकल्प घणा , ते गुरुना विनयथी जाणीये, माटे यथागृहीत नंगे पच्चख्खाण आराधवां, तेनुं गमन संपूर्णधाराये कदे बे. // 47 // space/Rasayadeepasstoweeteranaantea /MOVoto b uvads/ meani Su Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jamelibrary.org

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