Book Title: Chaityavandanadi Bhashya Trayam
Author(s): Balabhai kakalbhai
Publisher: Balabhai kakalbhai
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________________ BARDawa VaveDEVAAMRtosapanaaVARIODastavatus/ON मोकल्यो, ते श्रांत थयो थको उद्यानमांहे कामदेवना प्रासादे आवी सूतो, तिहां वरार्थिनी एवी शेउनी पुत्री कामदेव पूजवा आवी, तिहां तेणे तेने सूतो देखी कागलमा पोताना पिताना श्रकर देखी कागल वांच्यो, तेमां विष देवानुं लख्युं जोड्ने पोतानुं नाम विषा ने तेथी तेनी श्छक थइ मनमां विचार्यु जे महारा पिताये सुंदर स्वरूपवान् जाणी वर मोकल्यो , पण विष देजो एवं लख्यु डे ते महारा पिता कागल लखतां जुली गया ले. विषाने स्थानके विष लखा गयुं बे, अने कामदेवे पण महारा उपर प्रसन्न थश्ने ए वर मुजने आप्यो, माटे कागलमां विष लख्यु हतुं, तिहां विषा देजो. एम कन्याये अंजन शलाकाये लखीने पाबो लेख तेने ठेकाणे मूकी दीधो. अनुक्रमे ते घेर आव्यो, तिहां तरत लग्न लेकन्या परणावीने जामाता कीधो. एवी वात सांजलीने शेठ घरे व्यो. क्रोधायमान थको कहेवा लाग्यो जे मातृपजन निमित्ते पाणि ग्रहण मांगलिक वधाववा नणी जमाश्ने मोकलो, अने शेने मारवा सारु अंत्यजने संकेत कराव्यो हतो. हवे ते मातृपूजन निमित्ते जाय एटलामां विकालवेला जाणी नवपरणीत हतो, माटे iBE/AIDAO/AREIViaesavata Jain Education international For Personal & Private Use Only

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